भारत में से हर साल 100 बच्चों के लिए sc,st, obc minority के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है जिससे वे सभी विद्यार्थी #विदेश जाकर अपनी पढ़ाई कर सकें। जिसमें की
सरकार की नीयत और नीति पर संदेश करना लाजमी है
2017-2018 के आंकड़े 87 बच्चे ही विदेश भेजे जा सके ?
13 बच्चे नहीं मिले पूरे भारत में?
क्योंकि #केंद्रसरकार ने क्रीमी लेयर लगा दिया?
जिस व्यक्ति की 800000 सालाना इनकम है उन सभी को इस स्कीम से बाहर रखा गया जो कि निंदनीय है जिसके कारण प्रतिभाशाली बच्चे कैंब्रिज ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालय में नहीं पहुंच सकेंगे। केंद्र सरकार को हर साल 1000 विद्यार्थी विदेश में पढ़ने के लिए भेजना चाहिए।
क्रीमी लेयर 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख तक सालाना सीमित कर देनी चाहिए ताकि प्रतिभाशाली बच्चे विदेश में पढ़ने जा सके क्योंकि एक मामूली सा क्लर्क की सैलरी अगर 800005 रुपए हैं तो भी इस सरकारी स्कॉलरशिप योजना से बाहर हो जाएगा?
केंद्र सरकार को यह स्कॉलरशिप देने की संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए आप सभी लोगों से निवेदन है कि इस मैसेज को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाए ताकि केंद्र सरकार राज्य सरकारें ऐसे कदम उठाएं

नीतीश बिहार सरकार ने एससी एसटी स्कॉलरशिप के तहत जो बच्चे पढ़ाई करने के लिए विदेश भेजे जाते थे यह योजना बंद कर दी गई है ऐसा क्यों? सभी नेताओं सामाजिक संगठनों को मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। ताकि हक मारी ना की जा सके यह योजना जल्द से जल्द बिहार में शुरू करनी चाहिए।
वहीं पर झारखंड हेमंत सोरेन जी की सरकार ने बहुत ही सराहनीय काम किया उन्होंने 2021 में आदिवासियों को एक नया तोहफा दिया उन्होंने जसपाल सिंह मुंडा नाम की स्कॉलरशिप शुरू की जिसके तहत वह बच्चे कैंब्रिज ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे और ₹800000 क्रीमी लेयर हटाकर 1200000 रुपए सालाना क्रीमी लेयर लगाया
जिसके कारण व प्रतिभाशाली बच्चे विदेश में जाकर भारत का नाम ऊंचा करेंगे सभी राज्य सरकारों से निवेदन है की ऐसी स्कीमें आप सभी अपने अपने राज्य में लागू करें

By admin_kamish

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed