धर्मेन्द्र कसौधन(राज्य ब्यूरो:उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा- 2022 का परिणाम घोषित करने के बाद अंकपत्र वितरण की तैयारी में जुट गया है। इस दौरान परीक्षाफल में अंक संबंधी त्रुटि होने पर परीक्षार्थियों से बोर्ड प्रत्यावेदन ले रहा है, ताकि उसे ठीक किया जा सके। त्रुटि सुधारे जाने की प्रक्रिया के बीच बोर्ड ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि परीक्षार्थियों को अंकपत्र देने से पहले अभिलेखों से उसका मिलान अनिवार्य रूप से किया जाना है। अंकपत्र में किसी तरह की त्रुटि होने पर उसे वितरित न करें, बल्कि यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों को उसे वापस भेज दें, ताकि उसे दुरुस्त कर पुनः भेजा जा सके।

बोर्ड नही चाहता कि विद्यार्थी लगाए बोर्ड का चक्कर

बोर्ड की ओर से अपर निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज विनय कुमार गिल ने सभी राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को इस आशय के निर्देश दिए हैं। कहा है कि अंकपत्र में त्रुटि होने पर उसे सुधरवाने के लिए परीक्षार्थियों को अनावश्यक रूप से बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अंकपत्र में संशोधन की निर्धारित प्रक्रिया का उन्हें पालन करना पड़ता है, जिसमें चालान शुल्क जमा करने के साथ कई और औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों की इन परेशानियों को बोर्ड उत्पन्न नहीं होने देने चाहता। इसके लिए परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों को भी सचेत किया गया है कि वह अंकपत्र लेकर विद्यालय में ही उसका परीक्षण कर लें। त्रुटि होने पर उसे इंगित करते हुए विद्यालय को वापस कर दें, जिससे कि उसे सुधारकर पुनः भेजा जा सके। यह त्रुटियां परीक्षा फार्म भरे जाते समय विद्यालयों की ओर से गंभीरता से अभिलेखों से मिलान न करने के कारण होती हैं। विशेष रूप से वित्तविहीन विद्यालयों से यह समस्या अधिक आती है। इस तरह की त्रुटि पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है।

यूपी बोर्ड : अंकपत्र में गड़बड़ी दूर कराएंगे प्रधानाचार्य, छात्रों को नहीं होना होगा परेशान, बोर्ड से संशोधन के बाद ही मिलेंगे अंकपत्र

यूपी बोर्ड ने इस बार नई व्यवस्था की है। इससे अंकपत्र मिलने के बाद विद्यार्थियों को उसमें होने वाली नाम, पिता के नाम, जन्मतिथि आदि की त्रुटियां दूर कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। बोर्ड से क्षेत्रीय कार्यालय और फिर यहां से कॉलेजों में अंकपत्र पहुंचने के बाद प्रधानाचार्य अंकपत्र की जांच करेंगे। अगर किसी विद्यार्थी के अंकपत्र में संशोधन की जरूरत है तो उसे छात्र को नहीं देंगे। प्रधानाचार्य उसे संधोधन के लिए यूपी बोर्ड को भेज देंगे। ताकि बोर्ड से विद्यार्थियों को संशोधित अंकपत्र मिल सके।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 हाईस्कूल और इंटर का परिणाम 18 जून को घोषित किया गया।

वितरण के पहले प्रधानाचार्य करें मिलान

बोर्ड परीक्षार्थियों के अंकपत्र क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से कॉलेजों को भेजने की तैयारी में जुटा है। उम्मीद है इस सप्ताह के अंत अंकपत्र कॉलेजों में पहुंच जाएंगे। लेकिन इस बार विद्यार्थियों को अंकपत्र मिलने के बाद नाम, पिता के नाम, जन्मतिथि आदि की त्रुटि को दूर करने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इस बार बोर्ड की ओर से प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है कि अंकपत्र मिलने के बाद विद्यार्थियों को वितरित करने से पहले मिलान कर लें। यदि नाम, पिता के नाम, जन्मतिथि आदि में संशोधन की जरूरत है तो प्रधानाचार्य संशोधन के यूपी बोर्ड को भेजेंगे। ताकि विद्यार्थियों को परेशान न होना पड़े। क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज के अपर सचिव विनय कुमार गिर ने बताया कि प्रधानाचार्य के पास बच्चों का पूरा रिकॉर्ड रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *