जिस दीन की शिक्षाओं में ये शामिल हो कि “अगर तुमने दौलत की वजह से किसी को इज्जत दी तो तुमने अपना ईमान खो दिया” उस दीन के मानने वाले 95% लोग जिसके पास पद और पैसा होता है उसी को सिर पे बिठाए फिरते हैं और ये नहीं देखते ये पद उसे कैसे किसने दिया है और पैसा कहां से लाया है!

हुक्म ये है कि अपने हाथ से मेहनत करके जो रोजी कमाओ उसमें से भी एक हिस्सा दान करो!

अगर किसी ने बिना मेहनत किए दलाली, मक्कारी, कमीशन, ब्याज, ठगी, मिलावटखोरी, मुनाफाखोरी, जालसाजी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, रिश्वत, सरकारी चोरी या कर्तव्य हीनता जैसे सरकारी नौकरी करते हुए काम चोरी करना यानी ड्यूटी ईमानदारी से न करना आदि तरीकों से पैसा कमाते हैं फिर खूब दान करता है दीन की राह में खर्च करके दूसरों से श्रेष्ठ बनने की कोशिश करता है तो अल्लाह के नजदीक वो सब व्यर्थ है, उसे बिल्कुल सबाब नहीं मिलेगा बल्कि गुनाह कर रहा है!

जो अपनी नेक कमाई से ₹1 भी दान करेगा अल्लाह उसे कबूल फरमाएगा!

वैसे भी मालिक की नाफरमानी करने वाला शख्स गुनाहगार होता है उसका कुछ कबूल नहीं किया जाएगा… सरकारी कर्मचारियों की मालिक सरकार यानी उनके उच्च अधिकारी हैं ड्यूटी से संबंधित जितने सरकारी नियम व आदेश हैं उनको मानना चाहिए और उसमें हीनता करता है तो मालिक का नाफरमान है!

मुनाफा ऐसे कमाओ जैसे आटे में नमक ये नहीं ₹10 की चीज ₹20 की बेचो!

अगर समाज पूरी तरह से अपने अपने धर्म पर चलने लगे तो ये दिन रात पैसे की चाह, एक दूसरे से झगड़े, नफरतें, चिंता, डर अपराध सब खत्म हो जाएगा हर तरफ शांति, मोहब्बत और खुशहाली होगी!

हर कोई लालच में डूबा है उसे अपने करीब बैठा भाई /दोस्त नहीं दिखता क्योंकि वह उसे साथ, सहयोग ,मोहब्बत के अलावा कुछ दे नहीं सकता लेकिन दूर खड़ा कोई ऐसा आदमी जिसके पास कोई सियासी या सरकारी पद हो, पैसा हो दिख जाता है और वह दौड़ कर उसके पास जाता है उससे मोहब्बत करने लगता है, उसके साथ चलने लगता है, पूरी उर्जा से उसका सहयोग करता है इसलिए नहीं कि ये सही है अल्लाह खुश होगा बल्कि इसलिए कि यह हमसे खुश हो जाए और हमें भी एक टुकड़ा फेंक दे या समाज के लोग जान जाएं यह फला नेता/ अधिकारी का खास है तो हमें ठगने का मौका मिल जाए और हम खूब पैसा कमा लें… कुछ लोग इसमें कामयाब भी हो जाते हैं!
इस लालच में वो उसकी हर बात बर्दाश्त कर लेते हैं, खूब चापलूसी और तारीफ करते हैं, उन्हें दुनिया में उससे अच्छा फिर कोई दिखता ही नहीं क्योंकि वो लालच में अंधे हैं और वो अंधा उसी के साथ कातिलों के भी हाथ मजबूत करने में गर्व महसूस करता है!

याद रखो दोस्तों जिसका कोई विजन नहीं, कोई विचारधारा नहीं, कोई सिद्धांत नहीं वही तो पथभ्रष्ट है सिर्फ पद और पैसे के पीछे भाग रहा है और जो उसके पीछे भागेगा वह भी तो पथभ्रष्ट ही होगा!

इन पथभ्रष्टों ने ही पूरी कौम को पथभ्रष्ट कर रखा है जिससे कौम आज बर्बादी के मुहाने पर खड़ी है,ये उसे सही गलत में फर्क ही नहीं करने देते… ये रंगे सियार जनता को मूर्ख बना देते हैं लेकिन यह नहीं जानते किसी को बेवकूफ बनाने वाला उसके हिस्से का भी गुनाह अपने सिर पर ही लेता है!

हमें चाहिए सबसे पहले हम उस व्यक्ति का साथ दें जो ईमानदार हो, जिसका कोई विजन हो, सिद्धांत हो, विचारधारा हो, समाज के लिए कुछ कर रहा हो और हमारे करीब हो चाहे गरीब ही क्यों न हो क्योंकि जो ईमानदार है उसके पास ज्यादा धन और संसाधन नहीं होंगे लेकिन हमें उसी का साथ देना चाहिए अल्लाह भी खुश होगा और सबाब भी मिलेगा, समाज और देश का विकास भी होगा!

हक राह पे चलने में गर जां चली जाए तो शहीदी है!

बातिल का साथ देना ही पहचान है मुनाफिकत की!

अपने भाई /दोस्त को छोड़कर उसका दिल दुखा कर लालच में गैरों को खुश करने की कोशिश न करो जो गैरों के पास है अगर मिलकर मेहनत करो तो वह तुम्हारे दोस्त/ भाई के पास भी आ सकता है, जिस दिन उसके पास आ गया उस दिन तुम्हें भी मिल जाएगा… या कम से कम तुम दुखी ही नहीं रहोगे तुम्हें वास्तविक मोहब्बत मिलेगी ज्यादा चापलूसी भी नहीं करना पड़ेगा!

लालच से बचकर अच्छे लोगों का साथ दें किसी का दिल न दुखाएं, याद रखें घमंडी और षड्यंत्रकारियों से अल्लाह खुश नहीं होता!

अपने दिलों को नफरत से पाक कर लो!

जो देखे जरा मोहब्बत से गले लगा लो!
🌹❤️🌺🌸🌷🌸🌺❤️🌹
लेखक- आपका भाई/दोस्त मोबीन गाज़ी कस्तवी
9455205870

By admin_kamish

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष

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