एमडी ब्यूरो/लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले 60-70 फीसदी बच्चे नंगे पैर स्कूल आते थे, स्कूलों में झाड़यिां और भवनों पर पेड़ उगे थे। कहीं छात्र तो कहीं शिक्षक गायब थे, पेयजल और शौचालय नहीं थे। तब गरीब लोग भी प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चे भेज रहे थे। बच्चों की संख्या 1.34 करोड़ थी लेकिन अब हमारे स्कूल प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा चमक रहे हैं।

कायाकल्पसे बदली स्कूलों की सूरत

हमने किया स्कूलों का कायाकल्प: हमने यूनिफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग देना शुरू किया, स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प चलाया तो स्कूलों की सूरत बदल गई है। अब बच्चों की संख्या बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है। मुख्यमंत्री सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में अभिभावकों के खाते में डीबीटी दिए जाने की शुरुआत कर रहे थे। उन्होंने शिक्षकों को अच्छे काम के लिए शाबाशी भी दी।

प्रदेश के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से 8 तक पढ़ रहे 1.91 करोड़ बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग आदि अन्य चीजें खरीदने के लिए 1200 अभिभावकों के खाते में दिए जा रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षक को अपने गांव के बारे में सब पता होना चाहिए। कार्यक्रम में बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव दीपक कुमार मौजूद रहे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों को सम्मानित किया।

ये पोर्टल भी हुआ लांच

🔵स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में यूपी के 900 से अधिक स्कूलों को फाइव स्टार रेटिंग मिली है। इसमें 26 स्कूलों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत करने का ऐलान हुआ।

🔵नौ स्कूलों के प्रधानाध्यापकों व ग्राम प्रधानों को पुरस्कृत किया गया।

🔵विद्यांजलि कायाकल्प पोर्टल लांच, इससे स्कूलों को गोद लेने की प्रक्रिया जहां पारदर्शी होगी

सीएम योगी ने किस्सा सुना कर दिया संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे पढ़ाई में दिलचस्पी लें, यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। एक बार मैं एक आंगनबाड़ी केन्द्र में अचानक गया। 25-30 बच्चे थे, आंगनबाड़ी कार्यकत्री पढ़ा रही थी, एक-एक-एक, मेरी नाक एक, दो-दो-दो मेरे कान दो…। जब मैंने वहां बच्चों से पूछा तो सभी ने उसी तरह दिलचस्पी लेकर बताया।

सीएम योगी ने कहा- सरकारी स्कूलों में कान्वेंट जैसी शिक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले बेटियां नगें पैर स्कूल जाती थी, स्कूल भवनों की छतों पर पेड़ उगे रहते थे, बच्चे स्कूल जाते थे तो पता नहीं चलता था कि स्कूल है बगीचा। स्कूलों में कहीं शिक्षक थे तो विद्यार्थी नहीं थे कहीं विद्यार्थी थे तो शिक्षक नहीं थे। उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष में प्रदेश सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए तो आज सरकारी स्कूलों में कान्वेंट जैसी शिक्षा मिल रही है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में परिषदीय स्कूलों के 1.91 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में स्कूल यूनिफार्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर और स्टेशनरी के लिए 1200 रुपये हस्तांतरित किए। कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों में गणित और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित एवं विज्ञान किट वितरण की शुरुआत की गई। वहीं सर्वोच्च स्वच्छता वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया।शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों से खचाखच भरे जुपिटर हॉल में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्ष में परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या 1.34 करोड़ से बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है। सरकार की ओर से हर स्कूली बच्चे को यूनिफार्म, जूते मोजे, स्कूल बैग, स्वेटर, कापियां और स्टेशनरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि परिषद का हर विद्यार्थी इस बात पर गौरव महसूस करता है कि मैं भी किसी पब्लिक और कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का हकदार हूं।

पाँच वर्षो में 62000 शिक्षकों की नियुक्ति

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते पांच वर्ष में परिषदीय स्कूलों में एक लाख 62 हजार शिक्षकों की तैनाती की गई है। वहीं ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से विद्यालयों में केंद्र और राज्य सरकार के साथ जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, पुरातन छात्रों ने मिलकर विद्यालयों का कायाकल्प किया है। बहुत सारे विद्यालय आज दर्शनीय हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले परिषदीय स्कूलों की क्या हालत थी यह सब जानते हैं। वहीं बीते पांच वर्ष में शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों ने जो मेहनत की है उसी का परिणाम है कि आज बेसिक शिक्षा परिषद विश्वास का प्रतीक बन गया है।

कोरोना से शिक्षा प्रभावित हुई, लेकिन रूकी नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा शिक्षा क्षेत्र प्रभवित हुआ। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार ने शिक्षा को रुकने नहीं दिया। डिजिटल शिक्षा, ऑनलाइन शिक्षा के साथ दूरदर्शन और आकाशवाणी से भी पठन पाठन की व्यवस्था की गई।

’900 से अधिक विद्यालयों को मिली फाइव रेटिंग’

भारत सरकार द्वारा स्वच्छता और साफ सफाई के लिए विद्यालयों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार दिए जा रहे हैं। इसमें प्रदेश के नौ सौ से अधिक विद्यालयों को फाइव स्टार रेटिंग मिली है। इसमें से सर्वश्रेष्ठ 26 विद्यालयों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जा रहा है। इसमें से नौ विद्यालयों को मुख्यमंत्री ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विद्यांजलि कायाकल्प पोर्टल को भी लांच किया। उन्होंने आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका पुस्तक का विमोचन किया। इसी के साथ 6 लाख शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हो गया। कार्यक्रम में महिला कल्याण एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्या, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह भी मौजूद थे।

अभिभावकों को नकारात्मक न बोलें

मुख्यमंत्री ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को सीख देते हुए कहा कि शिक्षक, अभिभावकों से नकारात्मक न बोलें। उन्होंने कहा कि बच्चे का रिपोर्ट कार्ड अच्छा न हो तो अभिभावक से नकारात्मक बात करने की जगह कहें कि बच्चे में धीरे धीरे सुधार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चा यदि पढ़ने में कमजोर है तो उसे मजबूत बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है।

योगी ने कहा कभी आंगनबाड़ी केंद्र भी जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक कभी कभी खुद भी आंगनबाड़ी केंद्र जाएं और अपने बच्चों को भी लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि अपने परिवार के बच्चों को सोसायटी से जोड़कर समाज जीवन की जानकारी दें, क्योंकि सोसायटी से दूर हुए बच्चे त्रिशुंक हो जाते है।

तकनीक के साथ संवेदना भी जरुरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को तकनीकी ज्ञान देना बहुत जरुरी है लेकिन उसके साथ उनमें परिवार, राष्ट्र और समाज के प्रति संवेदना भी पैदा करनी आवश्यक है।

सीएम ने सात दिन पहले ही पूरी कर दी थी कृति दुबे की मुराद

कन्नौज के बिरतिया की रहने वाली पांच साल की कृति दुबे ने प्रधानमंत्री को चिट्टी भेजकर स्कूल में पेंसिल खो जाने पर दोबारा मां से पेंसिल मांगने पर मारने की शिकायत की है। लेकिन कृति दुबे को पता ही नहीं है कि उसकी इस समस्या का समाधान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सात दिन पहले से समाधान कर चुके हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने सात दिन पहले ही बेसिक शिक्षा परिषद के बच्चों को कापी, पेंसिल, रबड़, कटर के लिए भी 100 रुपये दिए है। अब कृति को स्कूल में पेंसिल खो जाने पर दोबारा पेंसिल मांगने पर मां से मार नहीं खानी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में हम लोगों ने स्कूल चलो अभियान प्रारंभ किया था। मुझे प्रसन्नता है कि इस अवसर पर मुझे एक आकांक्षात्मक जनपद श्रावस्ती में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को सरकारी बेसिक तथा प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे एक करोड़ 91 लाख के अधिक बच्चों के अभिभावकों के खाते में उनकी स्कूल यूनिफार्म तथा स्टेशनरी के लिए 1200-1200 रुपया डीबीटी (DBT) के माध्यम से ट्रांफसर किया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उन्होंने इस दौरान शिक्षकों को अपने कत्वर्य का बेहतर ढंग से पालन करने की शपथ भी दिलाई।

योगी ने कहा विद्यालय की देखभाल मंदिर जैसा करें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षक विद्यालयों की देखभाल मंदिर व अन्य पवित्र स्थलों की तरह करें तो किसी स्कूल की मुंडेर पर कोई पेड़ नहीं उग सकता और न ही वहां गंदगी होगी। गांव व क्षेत्र का हर बच्चा स्कूल आए ये चिंता हर शिक्षक को करनी होगी। मुख्यमंत्री सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बेसिक शिक्षा परिषद व सहायताप्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले एक करोड़ 91 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1200-1200 रुपये की धनराशि भेजते हुए कहा कि वह दौर गया जब प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे नंगे पांव पढ़ने आते थे, अब सरकार जूता मोज़ा के साथ यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, कापी पेंसिल व निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा रही है।उन्होंने कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अभिभावकों से संपर्क करके उन्हें स्कूल परिधान में बच्चों को भेजने के लिए प्रेरित करें। शिक्षक तकनीक से जुड़कर बच्चों को भावनात्मक संवेदना से जोड़े। योगी ने कहा कि जिस क्षेत्र में उनका विद्यालय है उसका पूरा डाटा तैयार करें कितने सरकारी सेवक, कितने किसान, श्रमिक व समाजसेवी उनके आसपास रहते हैं ये बच्चों को बताएं। आंगनबाड़ी केंद्र पर भी और वहां की व्यवस्था देखें अपने बच्चों को कांवेंट स्कूल के बजाए प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने भेजें, उन्हें समाज से जोड़े वरना बच्चे त्रिशंकु हो जाएंगे और ये स्थिति बिल्कुल सही नहीं है। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि जिस तरह स्कूलों का कायाकल्प किया है वैसे ही प्रदेश का कायाकल्प करें।

योगी ने स्वच्छ विद्यालय का दिया पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से नौ विद्यालयों को सम्मानित किया। विद्यांजलि पोर्टल का शुभारंभ, आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका का लोकार्पण और पांच शिक्षकों को विज्ञान व गणित की किट वितरित की। दीक्षा एप का हाल जाना और निपुण भारत की तर्ज पर निपुण प्रदेश बनाने की शपथ दिलाई।

साक्षरता दर पर प्रसन्न हुए योगी

उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर को आगे बढ़ाने के बड़े अभियान में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ स्कूल चलो अभियान के बेहतर परिणाम आने पर काफी प्रसन्न हैं। मुख्यमंत्री ने इसको आगे बढ़ाने के अभियान के लिए आज सभी शिक्षकों को शपथ दिलाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में हम लोगों ने ‘स्कूल चलो अभियान’ प्रारंभ किया था। मुझे प्रसन्नता है कि इस अवसर पर मुझे एक आकांक्षात्मक जनपद श्रावस्ती में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था। ‘स्कूल चलो अभियान’ के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 से शिक्षा प्रभावित रही, लेकिन हमने बच्चों के लिए उस दौरान भी पठन-पाठन की व्यवस्थी की थी। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन के जरिए पढ़ाई करवाई गई। जिससे कि बच्चों का समय बर्बाद ना हो। सभी कक्षाओं में बच्चों को प्रोन्नत किया गया, जिससे कि छात्र-छात्राएं व अभिभावक परेशान ना हों।

बेसिक शिक्षा परिषद को दिया धन्यवाद

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के 1.91 करोड़ बच्चों को उनके यूनिफार्म, बैग, स्टेशनरी, स्वेटर आदि के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि अंतरण के आज के इस कार्यक्रम के अवसर पर मैं सबसे पहले बेसिक शिक्षा परिषद को इस पूरे कार्यक्रम के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं। यह कार्यक्रम लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए। हम उत्तर प्रदेश को साक्षरता के क्षेत्र में भी नंबर एक बनाने के लिए प्रयासरत हैं। हमने प्राइमरी व बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों पर फोकस किया है। उनका लक्ष्य नींव यानी बेसिक तथा प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने का भी है। प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को यूनिफार्म, स्कूल बैग, स्वेटर, जूता-मोजा व कापी पेंसिल का पैसा उनके अभिभावकों के खाते में भेजा गया है। अभियान में हर छात्र-छात्रा के स्वजन को इस बार 1200-1200 रुपये की धनराशि भेजी गई है।कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, महिला कल्याण व बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, प्राथमिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह सहित इन सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव आदि मौजूद रहे।

1 अगस्त को भेजा गया 1200 रुपये

सीएम योगी ने सोमवार को यूपी के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से 8 तक पढ़ रहे करीब दो करोड़ छात्र-छात्राओं के परिजनों के खाते में 12-12 सौ रुपये भेजे। इस दौरान आयोजित समारोह में शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया। कहा कि शिक्षक को अपने गांव के बारे में सब पता होना चाहिए। उन्होंने एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पढ़ाने का किस्सा भी शेयर किया और सभी से इसी तरह पढ़ाने की अपील भी की।उन्होंने कहा कि बच्चे पढ़ाई में दिलचस्पी लें, यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। सरल, सुबोध और स्थानीय उदाहरण से समझाए। पुराना किस्सा सुनाते हुए बताया कि एक बार मैं एक आंगनबाड़ी केन्द्र में अचानक गया। 25-30 बच्चे थे, आंगनबाड़ी कार्यकत्री पढ़ा रही थी, एक-एक-एक, मेरी नाक एक, दो-दो-दो मेरे कान दो…। जब मैंने वहां बच्चों से पूछा तो सभी ने उसी तरह दिलचस्पी लेकर बताया और अपने शिक्षक की बात को दोहराया। इतनी सरलता वाली पढ़ाई ही चाहिए। शिक्षक स्थानीय स्तर पर पढ़ा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानाचार्य और शिक्षकों को सौंपी ये जिम्मेदारी
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षक अभिभावक से मिले, बच्चे का हालचाल लें, स्कूल छोड़ने के बाद भी उसकी पढ़ाई चालू है या नहीं, यह भी जाने। अभिभावकों से कभी नकारात्मक न बोले। गांव का पूरा डाटा बैंक शिक्षकों के पास होना चाहिए कि कौन क्या कर रहा है।स्कूल छोड़ने के बाद भी बच्चों को स्कूल में बुलाया जाए, इससे बच्चे समाज के प्रति संवेदनशील बनेंगे। अपने बच्चों को भी सरकारी आंगनबाड़ी और स्कूल दिखाएं। अपने समाज से कटा बच्चा त्रिशंकु की तरह होता है। उसे संवेदनशील बनाना आपकी जिम्मेदारी है।

ड्रेस और स्टेशनरी हेतु सबको 1200 भेजा
उन्होंने कहा कि यदि प्रधानाध्यापक और शिक्षक चाह लें तो क्या स्कूल में झाड़ियां उग सकती हैं? नहीं। स्कूलों की देखभाल हमें अपने धार्मिक स्थलों की तरह करनी होगी। हमारे पास छह लाख शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक हैं। गांवों में आजादी की लड़ाई के उन सेनानियों को ढूंढ़े जिन्हें लोग न जानते हों और उनके चित्र स्कूल में लगाकर बच्चों को बताएं।

पहले इतने बच्चे आते थे नंगे पैर
सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले 60-70 फीसदी बच्चे नंगे पैर स्कूल आते थे, स्कूलों में झाड़ियां और भवनों पर पेड़ उगे थे। कहीं छात्र तो कहीं शिक्षक गायब थे, पेयजल और शौचालय नहीं थे। तब गरीब लोग भी प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चे भेज रहे थे। बच्चों की संख्या 1.34 करोड़ थी लेकिन अब हमारे स्कूल प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा चमक रहे हैं।हमने यूनिफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग देना शुरू किया, स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प चलाया तो स्कूलों की सूरत बदल गई है। अब बच्चों की संख्या बढ़कर 1.91 करोड़ हो गई है। मुख्यमंत्री सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में अभिभावकों के खाते में डीबीटी दिए जाने की शुरुआत कर रहे थे। उन्होंने शिक्षकों को अच्छे काम के लिए शाबाशी भी दी।

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