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Continue to Chatगाय सह रही भूख, शीत , लू, प्रताड़ना , मौत � अपवादों को छोड़कर रुदनकर्ता गोभक्तों की उलाहना तथा अश्रुपात विन्दुओं का बन रहा है अश्रु सागर� इतने मे सीमित है गो भक्ति � � बहुआयामी https://news.multidpublication.in/?p=1286