सीतापुर। आजाद अधिकार सेना के जिला अध्यक्ष नवल किशोर मिश्रा ने बताया सहारा की चार सोसाइटियों सहारा क्रेडिट क्वापरेटिव सोसाइटी लि सहरायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लि हमारा इंडिया क्रेडिट क्वापरेटिव सोसाइटी लि स्टार्स मल्टीपर्पज क्वापरेटिव सोसाइटी लि में जमाकर्ताओं के भुगतान हेतु सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर सीआरसी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुरोध पर सहारा सेबी संयुक्त खाते में जमा धनराशि लगभग 25 हजार करोड रूपए में से 5 हजार करोड रूपए भुगतान का आदेश लेकर सीआरसी को दिलवाया गया था। जमाकर्ताओं के भुगतान लिए सहारा रिफंड पोर्टल बनाया गया जिसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय के रिटायर्ड जस्टिस एवं एक एडवोकेट एवं चार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी रखा गया था।इस रिफंड पोर्टल का उद्घाटन अमित शाह सहकारिता मंत्री द्वारा नई दिल्ली में उद्घाटन किया गया जिसमें 112 लोगों को भुगतान मिल गया था। पोर्टल लांच होने के बाद जमाकर्ताओं द्वारा रात को जाग जाग कर अपने प्रपत्र भरकर आन लाइन करवाया और 45 दिन में जमा धनराशि में से 10000 रूपए भुगतान वापसी की रास्ता देखने लगें। 45 दिन समयावधि पूर्ण होने पर 99 प्रतिशत जमाकर्ताओं के मोबाइल पर डिफेशेन्सी का मैसेज भुगतान की जगह पर मिला। पोर्टल पर आपत्तियां लगाई गई। आज भी उन आपत्तियों से जमाकर्ता जूझ रहे हैं सहारा ने फ्रेंचाइजी ब्रांचों से लेकर मुख्य ब्रान्च रीजन जोनल आदि आफिस बन्द कर दिये गये। रिसम्मीशन पोर्टल बनाया गया जिस पर 30 दिन बाद पुनः लोगों ने अपना प्रपत्र सही करके ऑनलाइन करवाया परंतु अभी तक भुगतान नहीं मिल रहा है एक तो जमाकर्ता ने लाखों रुपए जमा किए थे सरकार द्वारा ₹10000 की घोषणा की गई थी परंतु वह घोषणा भी एक चुनावी वादा बनकर रह गई। इन सोसाइटियों के अलावा सहारा रियल एस्टेट हाउसिंग स्कीम क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेन्ज लिमिटेड के जमाकर्ताओं के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है सहारा सेबी विवाद रियल स्टेट हाउसिंग के जमाकर्ताओं को लेकर के हुआ था जिनका सहारा द्वारा रातों-रात सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेन्ज लिमिटेड में परिवर्तित कर दिया गया था वही पैसा सहारा द्वारा सहारा सेबी संयुक्त खाते में जमा किया गया था परंतु उन जमाकर्ताओं का भुगतान न देकर सोसाइटी में जमा कर्ताओं के लिए 5000 करोड रुपए जमाकर्ताओं के खातों में भुगतान देने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए परंतु रियल एस्टेट हाउसिंग स्कीम क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेन्ज लिमिटेड जमाकर्ताओं के लिए सरकार सेबी सुप्रीम कोर्ट रजिस्टर कंपनी कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अभी तक कोई भी पहल नहीं की गई है जिससे इन लोगों का भी भुगतान संभव हो सके या प्रक्रिया में आ सके। इन जमाकर्ताओं द्वारा बताया गया कि यदि सरकार रियल एस्टेट हाउसिंग स्कीम सेबी से लाइसेंस मिला था तथा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेन्ज लिमिटेड का लाइसेंस कार्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा दिया गया था इन दोनों मंत्रालय्यों द्वारा भी प्रक्रिया शुरू कर पोर्टल ही बनाया गया होता तो कम से कम कितने कुल जमा करता इस सोसाइटी इन कंपनियों में बचे हुए हैं तथा कितनी धनराशि है यही पता चल जाता जिससे आगे चलकर भुगतान देने में आसानी होती क्या सहारा भुगतान देना नहीं चाहता है या सरकार जमा कर्ताओं के साथ में खड़ी नहीं है यह आज एक प्रश्न चिन्ह लग चुका है सभी जमा करता सरकार सहारा सेबी कारपोरेट कार्य मंत्रालय आदि को खुश रही है और अपने भुगतान के लिए रो रही है इन योजनाओं में गांव गरीब के बिहारी मजदूरी करने वाले अल्प वेतन भोगी कर्मचारी घरों में काम करने वाली महिलाएं रिक्शा तेलिया चालक आदि ज्यादातर प्रभावित हुए हैं इनकी संख्या भी काफी है परंतु सरकार आज हाथ पैर हाथ रखे बैठी हुई है शहर के विरुद्ध कोई भी बड़ी कार्यवाही नहीं कर रही है।