
ब्यूरो रिपोर्ट बहुआयामी समाचार लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बिजली कर्मियों द्वारा बीते गुरुवार रात से शुरू की गई हड़ताल के बाद जबरदस्त संकट पैदा हो गया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाएं। इसके बाद राज्य सरकार ने भी विद्युत कर्मियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए हड़ताल को असंवैधानिक घोषित कर दिया। साथ ही सरकार ने बिजली आपूर्ति में बाधा डालने और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सरकार के इस आदेश के बाद कई अभियंताओं के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है और कई कर्मियों को बर्खास्त किया गया।बता दें कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Electricity Employees Joint Struggle Committee) के नेताओं का कहना है कि, 3 दिसंबर को ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में हुए समझौते का पालन नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से बिजली कर्मी आक्रोशित है। इसी पर उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की आमसभा में 16 मार्च को पूरे प्रदेश में 72 घंटे के लिए हड़ताल शुरू कर दी। वहीं, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने काम पर न आने वाले आउटसोर्सिंग व संविदा कार्मिकों की सेवाएं भी तत्काल समाप्त करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद 1281 संविदकर्मियों की सेवाएं बंद कर दी गई।
रिपोर्ट पुनीत शुक्ला