बदायूं/उत्तर प्रदेश : दमयंती राज आनंद राजकीय महाविद्यालय बिसौली में राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में पंचायती राज दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफ़ेसर सपना भारती ने किया तथा संचालन राजनीति विज्ञान विभाग की प्रभारी प्रोफ़ेसर सीमा रानी ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय महाविद्यालय आवास विकास बदायूं के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि 24 अप्रैल, 1993 से लागू हुआ 73 वां संशोधन विधेयक, जिसने गाँव, मध्यवर्ती और जिला-स्तरीय पंचायत के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था को संस्थागत बनाया, उस के उपलक्ष में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पाया जाता है। भारत ने 24 अप्रैल 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस या राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन दिवस मनाया। डॉ जायसवाल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

उच्च आबादी और बड़े क्षेत्र के कारण, जो व्यक्ति राज्य में सर्वोच्च पद पर है, वह ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं की वास्तविकता प्राप्त करने में असमर्थ है। सत्ता के विकेंद्रीकरण के माध्यम से सत्ता केंद्रित सत्तावादी राजनीति की तानाशाही को कम किया जा सकता है, जो लोकतंत्र का उच्च आदर्श है। डॉ जायसवाल ने कहा कि गाँधी,जेपी और लोहिया के आदर्श लोकतंत्र का सपना स्थानीय स्वशासन के सशक्तिकरण के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ सपना भारती ने कहा कि इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू आम लोगों के हाथों में राजनीतिक शक्ति का विविधीकरण एवम विकेंद्रीकरण है। डॉक्टर सीमा रानी ने कहा कि स्थानीय स्वशासन की राजनीति में राजनीतिक दलों को दूर रहना चाहिए। पंचायत राज की राजनीति विशुद्ध आम जनता के प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्त करता है जो राजनीतिक दलों के प्रबंधन कला से मुक्त होना चाहिए। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ पारुल रस्तोगी ने भी अपने विचार व्यक्त किए इस अवसर पर डॉ सारिका शर्मा, डॉ राजेश कुमार, आरती, शिवाकांत, अंजलि, रोहित, रवि, पुष्पेंद्र, सुमित, हुमा,अनुष्का,अंशिका, प्रगति आदि उपस्थित थे।

✒️ Alok Malpani Editor in chief (MD News Bareilly Zone)

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