कानपुर देहात-बिल्हौर तहसील के अधिकारी कर्मचारी भले ही बदल गए हो लेकिन शासकीय उपक्रम की सार्वजनिक जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने में अफसरों का रवैया नहीं बदला है। शिकायतों को कागजों पर ही निस्तारित कर कोरम पूरा करने का काम कर रहे हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों पर शासन के निर्देश व जिलाधिकारी के आदेश का भी कोई असर नहीं हो रहा है। प्रदेश के मुखिया भले ही अतिक्रमण विरोधी अभियान चलवा रहे हैं वहीं कुछ सरकारी कर्मचारी शासकीय भूमि पर दिन रात हो रहे अवैध कब्जों की शिकायतों को नजर अंदाज कर अपनी जेबों को गर्म करने में लगे हुए हैं इससे अवैध कब्जाधारियों के हौसले बुलंद है

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