भारत मे राजनैतिक दल – कुर्सी मिले, राष्ट्र जाए पाताल मे। राजनैतिक गोबड़ौले आपने आका के विष्ठा विचाराहार मे रहते हैं मग्न ❓
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳दिनांक 29-01-2022(1)साहित्यकार डा0 विजयानन्द की कविता छपक छपक चली रेल पढ़ा, जिसमे वास्तविकता है दूर । केवल उज्वल पक्ष है दृष्टिगत। जनता कहती है रेल से हटे भ्रष्टाचार तो…