राज्य ब्यूरो/लखनऊ:कांचे ही बांस की बहंगिया.. बहंगी लचकत जाय…यूपी बिहार में छठ पूजा की धूम अभी से देखने को मिल रही है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को लोकास्था का महापर्व छठ मनाया जाता है।

नहाए खाए के साथ शुरू होने वाले इस पर्व में महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से छठी मैया और भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से छठी मइया का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है। तथा निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और संतान के जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। पौराणिक कथा के अनुसार छठी मैया सूर्य देवता की बहन हैं। शास्त्रों में वर्णित एक कथा के अनुसार, पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए और भगवान सूर्यदेव का धन्यवाद करने के लिए यह पूजा की जाती है।

पुराणो में वर्णित एक कथा के अनुसार छठ माता को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री बताया गया है। इस पर्व का उल्लेख रामायणकाल और महाभारतकाल में भी किया गया है। वैसे तो पूरे भारत में इस पर्व की धूम देखने को मिलती है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में इस पर्व पर एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। महीनों पहले से छठपूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। इस चार दिवसीय पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में छठ पूजा कब है व शुभ मुहूर्त और महत्व से लेकर संपूर्ण जानकारी।

कब है छठ पूजा 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है। नहाए खाए के साथ शुरू होने वाला यह पर्व 28 अक्टूबर, गुरुवार से शुरू हो रहा है। छठ का दूसरा दिन खरना 29 अक्टूबर, शनिवार को है। छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रती महिलाएं रात में खीर ग्रहण करती हैं। वहीं छठ का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य 30 अक्टूबर, रविवार को है और छठ का चौथा और आखिरी दिन 31 अक्टूबर, सोमवार को है। बता दें इस दिन उगते सूरज को अर्घ्य देने का विधान है।

छठ पूजा 2022 शुभ मुहूर्त


छठ पूजा का महत्व
सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। बता दें यह ऐसा पर्व है, जिसमें ना केवल उगते सूरज की पूजा की जाती है बल्कि डूबते सूरज को भी अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से छठ मइया की पूजा अर्चना करने व भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने से संतान संबंधित सभी समस्याओं का निवारण होता है। छठ पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। कार्तिक मास शुरू होने के साथ ही व्रती महिलाएं सात्विक भोजन ग्रहण करना शुरू कर देती हैं। यह पर्व आज ना केवल उत्तर प्रदेश और बिहार तक सीमित है बल्कि इस पर्व की धूम देश दुनिया में देखने को मिलती है।

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