राष्ट्रीय ब्यूरो:यूपी बोर्ड की ओर से वित्तविहीन विद्यालयों को दी जाने वाली मान्यता की शर्तों में बदलाव किया गया है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने मान्यता की नवीन शर्तों से संबंधित तीस पेज का आदेश शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को भेजा है। नवीन शर्तों के मुताबिक अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के स्कूलों को पहली बार में तीन साल के लिए मान्यता दी जाएगी। तीन साल की अवधि पूरी होने पर विद्यालयों को मान्यता का नवीनीकरण कराना होगा, नवीनीकरण पांच साल के लिए किया जाएगा।
नवीनीकरण विद्यालय संचालन के लिए निर्धारित व्यवस्था की स्कूल में उपलब्धता और स्कूल द्वारा मान्यता की शर्तों के अनुपालन किए जाने की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद किया जाएगा। खास बात यह है कि विद्यालय की ओर से नवीनीकरण के लिए आवेदन करने के बाद अगर निर्धारित अवधि में नवीनीकरण नहीं होता है तो विद्यालय को स्वत नवीनीकृत (डीम्ड) मान लिया जाएगा।
शर्त जोड़ने का यह है कारण
यह शर्त इसलिए जोड़ी गई है क्योंकि पूर्व में ऐसा देखा गया है कि मान्यता मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोग आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने या समय-समय पर किए गए बदलावों के अनुरूप मानक पूरे करने में रुचि नहीं लेते हैं। यही कारण है कि पहली बार मान्यता नवीनीकरण व्यवस्था की गई है, ताकि सभी स्कूलों में आवश्यक न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित कराई जा सकें।