MA English Chai Wali : आपने एमबीए चायवाला, बीटेक चायवाला, ग्रेजुएट चाय वाली और बीएससी चाय वाली का नाम खूब सुना होगा। अब मार्केट में एमए इंग्लिश चाय वाली आ गई हैं। शर्मिष्ठा घोष दिल्ली में चाय की रेहड़ी लगाती हैं। उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में भी जॉब की है।
विशेष
🔵दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार में चाय की रेहड़ी लगाती हैं शर्मिष्ठा घोष।
🔵इंग्लिश से एमए घोष ने ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में की है जॉब।
🔵अपने चाय के काम को चायोस जितना बड़ा बनाना चाहती हैं घोष।
नई दिल्ली : भारत के बाजारों में सबसे आम चीज क्या है? आप देश में कहीं भी चले जाइए। आपको एक चीज बिकती जरूर नजर आ जाएगी। चाहे वह थड़ी पर हो, रेहड़ी पर, ठेले पर या किसी दुकान में। वह है चाय। भारत में लोग जमकर चाय (Tea) पीते हैं। ये चाय की रेहड़ी कौन लोग लगाते हैं? आपने देखा होगा कि ये ज्यादातर निचले तबके के कम पढ़े-लिखे लोग होते हैं। लेकिन पिछले समय से इसमें काफी बदलाव आया है। बड़े शहरों में अब आपको अच्छे खासे पढ़े लिखे लोग सड़क किनारे चाय बनाते दिख जाएंगे। एमबीए चायवाला, बीटेक चायवाला, ग्रेजुएट चाय वाली और बीएससी चाय वाली का नाम आपने बहुत सुना होगा। अब एमए इंग्लिश चाय वाली (MA English Chai Wali) की चर्चा हो रही है। दिल्ली में छोटी सी चाय की रेहड़ी लगाने वाली शर्मिष्ठा घोष (Sharmistha Ghosh) चर्चा में है। वे इंग्लिश से एमए हैं। यही नहीं, उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में भी काम किया है। अब वे सड़क किलाने चाय बेच रही हैं।
चायोस जितना बड़ा बनाने का है ख्वाब
शर्मिष्ठा का सपना है कि एक दिन उसकी भी एक बड़ी चाय-कैफे चेन हो। घोष दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार में अपनी चाय की रेहड़ी लगाती है। घोष इंग्लिश लिटरेचर से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वे पहले ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में काम कर चुकी हैं। उन्होंने चाय की रेहड़ी लगाने के लिए अपनी जॉब छोड़ दी। उनका सपना अपनी टी स्टॉल का चायोस जितना बड़ा बनाना है। चायोस एक लोकप्रिय टी-कैफे चेन है, जिसके आउटलेट्स देशभर में हैं।
रिटायर्ड ब्रिगेडियर संजय खन्ना ने शेयर की कहानी
घोष की कहानी को भारतीय सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर संजय खन्ना ने लिंक्डइन पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा, ‘मैं यह जानने को काफी उत्सुक था कि वो यह काम क्यों कर रही हैं। उसने कहा कि उसका विजन और सपना इसे चायोस जितना बड़ा बनाना है।’
दोस्त भावना भी है जॉइंट पार्टनर
घोष की एक दोस्त भावना राव भी इस चाय की रेहड़ी में जॉइंट पार्टनर हैं। भावना लुफ्थांसा में काम कर रही हैं। घोष और राव दोनों शाम को आते हैं और एक छोटी सी रेहड़ी पर चाय बेचते हैं। खन्ना ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मैं यह पोस्ट लिख रहा हूं और यह फोटो उनकी अनुमति से पोस्ट कर रहा हूं। मुझे लगता है कि कोई भी जॉब छोटी नहीं होती और ऐसे लोगो दूसरों को प्रेरणा देते हैं।’ खन्ना ने कहा कि व्यक्ति को अपने सपने पूरे करने के लिए लगन और मेहनत से काम करना चाहिए।
आवश्यक नहीं कि जॉब के पीछे ही भागे
खन्ना ने लिखा, ‘मैंने की काफी पढ़े लिखे युवा देखे हैं। वे एक प्रोफेशनल जॉब पाने के पीछे पड़े होते हैं। यह मैसेज उनके लिए है। मैं यह मानता हूं कि हर किसी को उच्च योग्यता और एक बड़ी नौकरी के पीछे नहीं जाना चाहिए। वे छोटे रास्तों से बढ़ते हुए लंबे समय में बड़ी सफलता पाने की दिशा में काम कर सकते हैं।’