सहसवान/बदायूं : डी.पी. महाविद्यालय में ‘महिला सशक्तिकरण’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया । इस परिचर्चा में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार सिंह मुख्य वक्ता रहे तथा संचालन भूपेन्द्र गुप्ता द्वारा किया गया । सर्वप्रथम प्रातः 10 बजे एन.एस.एस. के विद्यार्थियों ने महाविद्यालय से शिविर हेतु चयनित ग्राम प्रीतमनगर तक एक रैली निकाली जिसमें सभी विद्यार्थियों ने टोली बनाकर उपरोक्त विषय के सम्बन्ध में ग्रामवासियों को जागरूक किया | दोपहर बाद एक बौद्धिक सत्र का आयोजन हुआ जिसका शुभारंभ मां सरस्वती की आराधना के साथ हुआ । परिचर्चा में शामिल हुए शिक्षकगणों के मतानुसार महिलाओं के साथ असमानता और भेदभाव का व्यवहार समाज में, घर में और घर के बाहर विभिन्न स्थलों पर किया जाता है और कहा कि कुछ परिवारों में लड़की को शिक्षित करना बुरा माना जाता है |

किसी भी राष्ट्र के सर्वागीण विकास के लिए यह आवश्यक है कि महिलाएं शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से विकसित हो और यह तभी संभव है जब उन्हें शिक्षित किया जाए । डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान ने महिलाओं को शक्तियां एवं अधिकार प्रदान किए हैं परन्तु हर प्रकार के भेदभाव, शोषण, अन्याय, अत्याचार का मुकाबला उन्हें स्वयं ही करना होगा तभी स्त्रियों की स्वतंत्र पहचान बन पाएगी और व्यापक रूप से उनका अस्तित्व कायम हो पाएगा । इस कार्यक्रम के संचालक भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं उनकी प्रगति के लिए आवश्यक है कि उनको बुनियादी सुविधाओं के साथ आधुनिक सुविधाएं मिलें जिससे वह पुरुषों के समाज में अधिक सक्षम होकर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और कार्यक्षमता का लोहा मनवा सकें ।

उपरोक्त विषय पर छात्र/छात्राओं ने भी अपने विचार प्रकट किये | कार्यक्रम में ज्ञानेंद्र कश्यप, दिव्यांश सक्सेना, वैभव तोमर, नितिन माहेश्वरी, प्रभात सक्सेना, विनोद यादव, सत्यपाल यादव, डॉ. नीलोफ़र खान, गुलनार जमील, तृप्ति सक्सेना, ऋतु सिंह आदि प्रवक्ता उपस्थित रहे |

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)

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