बदायूं/उत्तर प्रदेश : संस्कार भारती ब्रज प्रांत के प्रांतीय मंत्री डॉ. विष्णु प्रकाश मिश्र 71 वर्ष का बुधवार की रात 12 बजे देहान्त हो गया। गुरूवार की सुबह उनके देहांत की सूचना होते ही उनके अंतिम दर्शन को उनके निवास स्थान पर भारी भीड़ जमा होने लगी। वह राम मूर्ति मैमो. मेडीकल कालेज बरेली को स्वयं अपना शरीर दान कर चुके थे। परिवार जनो द्वारा उनका शरीर राम मूर्ति मेडीकल कालेज बरेली को सौंप दिया गया। वह नगर के रुकुम सिंह वैदिक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त थे। इससे पूर्व वह मुजफ्फर नगर के एक कालेज में भी प्रवक्ता रह चुके थे। उन्होंने अपनी जीवन में तीन वसीयत नामा लिख रखे थे। डॉ. विष्णु प्रकाश मिश्र ने अपने जीवनकाल में एक समाज सेवी के रूप में अनेक लोगों को देह दान व नेत्र दान के लिये प्रेरित किया वह स्वयं भी अपना देह दान कर चुके थे। जिसके सम्बंध में 29-01-2011 को तहरीर किया हुआ वकील द्वारा प्रमाणित उनका वसीअत नामा भी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैंने मरणोपरान्त लाला लाजपत राय अस्पताल को अपना शरीर दान करने की विधिक प्रकिृया उस समय पूर्ण की थी जब मैं मुजफ्फर नगर में प्रवक्ता पद पर कार्यरत था। वसीअत नामा में उन्होंने लिखा है कि अब मैं 05-07-2001 से कुवर रुकुम सिंह वैदिक इंटर कालेज बदायूँ में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत हूँ, अब बदायूँ में होने के कारण मैं इस निर्णय पर हूँ कि मरणोपरांत मेरा शरीर राम मूर्ति मैमो. मेडीकल काॅलेज बरेली को सौंप दिया जाये, इस परिवर्तन का कारण उन्होंने अपने शपथ पत्र में मेरठ और बदायूं के बीच की दूरी व शव ले जाने में जल्दी हो बताया है। उनके परिवार के सदस्यों ने राम मूर्ति मेडीकल कालेज बरेली को सूचना दी और बताये गये समय लगभग 2:30 बजे पर मेडीकल कालेज की टीम उनके निवास पर आ गयी। उनका पार्थिव शरीर फूल मालाओं से सजाकर मेडीकल कालेज की एम्बूलेंस में रखकर भारी भीड़ के साथ राम नाम का जाप करते हुए लगभग आधा किलोमीटर तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गयी| तत्पश्चात एम्बूलेंस को रोक कर उनकी अंतिम यात्रा में शामिल सभी लोगों ने दो मिनट का मौन धारण किया और उनके पार्थिव शरीर को एम्बूलेंस द्वारा रामूर्ति मेडीकल कालेज बरेली को रवाना कर दिया गया। डॉ. विष्णु प्रकाश मिश्र द्वारा सन 2019 में पत्नी के लिए लिखा गया दूसरा वसीअत मिला जिसमें उन्होंने लिखा है कि मेरे मरणोपरांत भी मेरी पत्नी अपने माथे पर बिंदी, मांग में सिंदूर, पांव में दो-दो बिछिये व होटों पर लिपिस्टिक जीवन भर लगाती रहे और रंगीन साड़ी पहनती रहे। उन्होंने शपथ पत्र में लिखा है कि मेरी पत्नी सरल, निष्ठावान व ईश्वर भक्त महिला है। तीसरे वसीअत नामा में उन्होंने लिखा है कि मेरे मरणोपरांत घर की शुद्धि हेतु एक हवन कराया जाए। मेरी मृत्यु पर मेरे बच्चों का केश मुंडन न कराया जाये मेरा दसवां, तेरवी, मासी व बरसी नहीं कराई जाये मेरे द्वारा लिखी गयी सारी बातें पूर्ण की जायें ताकि मेरी आत्मा को मुक्ति मिल सके। बता दीजिए डॉ. विष्णु प्रकाश मिश्रा सामाजिक कार्यों में हमेशा तत्पर रहते थे और निर्धन परिवार के विद्यार्थीयों की शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग करते रहते थे।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)