उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या घटने के साथ-साथ गुणवत्ता में भी कमी सामने आई है। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में प्रदेश में 5,186 विश्वविद्यालय व डिग्री कालेज थे और विद्यार्थियों की संख्या 94.88 लाख थी। वर्ष 2019-20 में 7,183 विश्वविद्यालय व कालेज थे लेकिन विद्यार्थियों की संख्या घटकर 90.61 लाख हो गई। यानी पांच वर्ष में उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या तो 1,997 बढ़ी लेकिन 4.27 लाख विद्यार्थी घट गए।प्रदेश में वर्ष 2019-20 में राज्य विश्वविद्यालय व निजी विश्वविद्यालयों की संख्या में क्षेत्रीय असंतुलन देखने को मिला। 18 वर्ष से 23 वर्ष की आयु वाले युवाओं की संख्या के अनुसार क्षेत्रवार विश्वविद्यालयों की संख्या कम थी। पूर्वी क्षेत्र के 28 जिलों में सरकारी व प्राइवेट विश्वविद्यालय थे। यहां युवाओं की आबादी 90.50 लाख यानी प्रदेश में इस आयु वर्ग की कुल आबादी की 38 प्रतिशत आबादी थी। वहीं पश्चिम क्षेत्र के 30 जिलों में 26 सरकारी व प्राइवेट विश्वविद्यालय थे। यहां युवाओं की आबादी 93.15 लाख यानी कुल आबादी का 39 प्रतिशत थी। इसी तरह मध्य क्षेत्र के 10 जिलों में नौ सरकारी व प्राइवेट विश्वविद्यालय थे। यहां 42.57 लाख युवा थे। यानी कुल आबादी का 19 प्रतिशत थी। इसी तरह बुंदेलखंड के सात जिलों में एक विश्वविद्यालय ही था। 10.94 लाख युवा थे जो कि युवाओं की कुल आबादी का पांच प्रतिशत थे।