लखनऊ : यूपीएसएसएससी की ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण पर्यक्षक की परीक्षा में 35 फीसदी अभ्यर्थी ही शामिल हुए। दोनों पालियों में 65 फीसदी ने परीक्षा छोड़ दी। दो पालियों में कुल 96 हजार 188 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिनमें से कुल 62 हजार 855 ने परीक्षा छोड़ दी। कुल 33 हजार 333 अभ्यर्थी परीक्षा देने केन्द्र तक पहुंचे।

उत्तर प्रदेश अधिनस्थ सेवा चयन आयोग 2018 में निरस्त हुई परीक्षा दोबारा करा रहा है। अभी मंगलवार को दो पालियों में यह परीक्षा और होनी है। कुल चार पालियों में होने वाली इस परीक्षा के लिए 192384 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।

स्टेशन पर परीक्षार्थियों की रही भीड़, अफरातफरी भी मची, आम यात्री परीक्षार्थियों की भीड़ के आगे बेबस दिखे

चारबाग रेलवे और लखनऊ जंक्शन से गुजरने वाली दोनों दिशाओं की ट्रेनों में परीक्षार्थियों की भीड़ दिखी। पहले से ट्रेन में सवार आम यात्री बेबस दिखे। परीक्षार्थियों ने बोगियों में आरक्षण सीट पर कब्जा जमा लिया। कई यात्रियों और परीक्षार्थियों से नोकझोक भी हुई। परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए परिवहन निगम ने चारबाग बस अड्डे पर अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की गई और 55 अतिरिक्त बसें भी लगाई गई थी। एआरएम काशी प्रसाद ने बताया कि परीक्षार्थी बस पकड़ने नहीं पहुंचे।

ट्रेनों में जुटी परीक्षार्थी की भीड़ से व्यवस्था चौपट

ग्राम्य विकास अधिकारी पद की परीक्षा खत्म होने के बाद शाम को चारबाग रेलवे स्टेशन पर परीक्षार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रयागराज, सुलतानपुर, अयोध्या, प्रतापगढ़, कानपुर जाने वाले परीक्षार्थी ट्रेनों में जबरन घुसते नजर आए। परीक्षार्थियों की भीड़ को काबू करने के लिए बनाई गई व्यवस्था चौपट दिखी। वहीं ट्रेन के खाली सीटों पर परीक्षार्थियों की भीड़ जबरन सीटों पर कब्जा जमाते दिखे। मुंबई से प्रतापगढ़ जा रही उद्योग नगरी एक्सप्रेस में भीड़ को देख जीआरपी कर्मियों ने मौके पर भीड़ को नियंत्रित किया।

टैबलेट से दर्ज करायी ऑनलाइन उपस्थिति

ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण पर्यवेक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा-2018 कड़ी सुरक्षा के बीच हुई। परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों की सघन तलाशी के बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। परीक्षा को शुचितापूर्ण कराने नकल रोकने व मुन्ना भाइयों को पकड़ने के लिए यूपीएसएसएससी का इंतजाम किए गए थे। सभी परीक्षा केंद्रों के बाहर टैब के माध्यम से परीक्षा देने आए सभी अभ्यर्थियों का ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करायी गई। साथ ही प्रवेश पत्र पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर अभ्यर्थियों के दस्तावेज के मिलान के बाद ही प्रवेश दिया गया।

परीक्षा में सेंधमारी, अभ्यर्थी – सॉल्वर और लेखपाल समेत 14 गिरफ्तार

एसटीएफ ने लखनऊ, कानपुर, बरेली और गोरखपुर से दबोच एसटीएफ ने सोमवार को यूपी एसएसएससी की परीक्षा में सेंधमारी करने वाले कर लखनऊ, कानपुर, दो गिरोहों का खुलासा कर लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और बरेली से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें गिरोह के सरगना, सॉल्वर और अभ्यर्थी शामिल हैं। गिरफ्तार लेखपाल के गिरोह ने ब्लूटूथ डिवाइस के जरिये सेंधमारी की वहीं, बरेली के गिरोह ने बिहार के सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था।

सोमवार को ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी व समाज कल्याण पर्यवेक्षक के पद के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें सेंधमारी के इनपुट मिले थे। एसटीएफ को इसमें सेंधमारी के एसटीएफ के एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि लखनऊ से चार, गोरखपुर से दो और कानपुर से एक आरोपी को दबोचा गया। इसमें आजमगढ़ का रहने वाला कमलेश यादव भी शामिल है, जो लेखपाल है। इसने ही सभी को ब्लूटूथ डिवाइस देकर परीक्षा में नकल कराने का ठेका लिया था। गिरफ्तार अभ्यर्थियों के पास से ब्लूटूथ डिवाइस, आईडी कार्ड, सिमकार्ड

एसटीएफ के मुताबिक आरोपी लेखपाल कमलेश ने हर किसी से अलग-अलग रकम की डील कर रखी थी। उसने आठ से लेकर 12 लाख रुपये तक का ठेका लिया था। ग्राम विकास अधिकारी के लिए 12 लाख की रकम तय थी। उसने सभी से 10-50 हजार रुपये डिवाइस के नाम पर लिए परीक्षा होने के बाद डील की 50 फीसदी रकम और बाकी की रकम परीक्षा पास होने के बाद देनी थी।

दूसरों के स्थान पर परीक्षा दे रहे 99 आरोपी पकड़े : परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था से अपने सॉफ्टवेयर से 99 अभ्यर्थियों को पकड़ा है। ये सभी आवेदक अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़े गए।बरामद किए गए हैं। वहीं, बरेली से सरगना नाजिम समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मुरादाबाद निवासी नाजिम के अलावा दो मददगार बाकी अभ्यर्थी व सॉल्वर हैं।

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