उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के विद्यालयों के छात्र- छात्राओं को परिश्रम के बावजूद कम अंक मिलने को गंभीरता से लिया गया है। चिंता जताई गई है। कि आखिर ज्यादातर विद्यार्थी 60 प्रतिशत अंक के आसपास ही क्यों अटक जाते हैं। वह पूर्णांक के आसपास तक क्यों नहीं पहुँचते हैं। अब इसका कारण जानने के साथ निवारण पर काम किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थी अधिकतम अंक प्राप्त कर सकें।

ये माड्यूल हो रहा तैयार

इसके लिए कक्षा – 11 एवं 12 के छात्र-छात्राओं को ध्यान में रखकर अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय में उपचारात्मक शिक्षण ( रेमेडियल माड्यूल) कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी इंस्टीट्यूट आफ एडवांस स्टडीज इन एजूकेशन (आइएएसई) को दी गई है। इसमें कठिन अध्याय, भाग, सूत्र आदि को सरल ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी सहजता से समझकर परीक्षा में अच्छे अंक पा सकें। आइएसई के प्राचार्य संतराम सोनी ने बताया कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों और शिक्षकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। विज्ञान विषय में भौतिक, रसायन और जीवविज्ञान पर केंद्रित माड्यूल बनेगा। इसी तरह गणित और अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ कम अंक पाने वाले विद्यार्थियों के शिक्षण कार्यक्रम तैयार करेंगे। इसमें उन पक्षों का समाधान रहेगा, जिसके कारण विद्यार्थी अधिकतम अंक प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं । उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम की पुस्तक में इसी पर जोर रहेगा। इसमें जो सूत्र, अध्याय या विषयवस्तु विद्यार्थियों को कठिन लगते हैं, उसका सरलीकरण होगा। इसके माध्यम से शिक्षक सरल ढंग से विद्यार्थियों को समझा सकेंगे। इसे महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर शैक्षिक सत्र 2024-25 को ध्यान में रखकर तैयार किया जाना है। माड्यूल से शिक्षण कार्यक्रम 50 दिन का होगा, जिसके अनुरूप विद्यालयों में एक अप्रैल से 20 मई तक पढ़ाई होगी।

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