रिपोर्टर रजनीश कुमार
ट्रैफिक पुलिस/यातायात प्रभारी की निगरानी में रहती हैं, फिर भी कम उम्र वाले चालक बन टैम्पो को दौड़ा रहें हैं,कइयो के पास लाइसेंस भी नही है,जब कि बिना लाइसेंस के वाहनों का ड्राइव करना गैरकानूनी है, लाइसेंस भी उन्हीं के नाम निर्गत किया जा सकता है, जिन्होंने 18 वर्ष की उम्र पूरी कर ली हो, औरैया शहर में दर्जनों आटो को ड्राइव वैसे बच्चे कर रहे हैं जिनकी उम्र 10 से 14 वर्ष की है, तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है, कि किस तरह से नाबालिग बच्चे सुभाष चौक से निकलते भर्राटा भर रहे हैं।
ऐसे में कोई हादसा हो जाएं तो यह तय कर पाना मुश्किल होगा कि किसके खिलाफ कार्रवाई की जाएं,आटो चालकों की जमकर मनमानी चलती रही, लेकिन इनकी मनमानी पर ब्रेक लगाने के लिए अपेक्षित रूप गहन छानबीन या अभियान नही चलाया जा रहा है, नगर पालिका परिषद ने इनके आटो स्टैंड निर्धारित किया है, जहां से यात्रियों को सवार करने को कहा गया है,लेकिन यहां तो आटो वालो को जब जहा यात्री दिख जाएं,वही ब्रेक लगा देते हैं, जो यात्री जहां उतरना चाहे वही रोक देते हैं कभी कभी तो बीच सड़क पर भी टैम्पो को खड़ा कर चालक सवारी बैठालने एवं उतारने में लग जाते हैं ,इससे हादसे की आशंका बनी रहती हैं, आटो के डिवाइडर से टकराने,पलटने, किसी वाहन को पीछे से धक्का मार देने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं,शहर चौक – चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगी रहती हैं, पर जिम्मेदार मौन रहते हैं।