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CSIR प्रयोगशाला भारत सरकार                                                    स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश सरकार

मलेरिया डेंगू शोध संस्थान भारत सरकार                                           उत्तर प्रदेश जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी

विषय: शोध को देखते हुए वायरस जनित बीमारियों रोगों का सरकारी तंत्र के द्वारा सरकारी विभाग वेबसाइट पर सही जानकारी उपलब्ध कराए जाने के संबंध में ।

महोदय/ महोदया

भारत की प्रतिष्ठित संस्था बहुआयामी शिक्षा तकनीकी एवम अनुसंधान ऑर्गनाइजेशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के जनपदों पत्र पत्रिकाओं सोशल मीडिया के माध्यम से किए गए सर्वे से जो जानकारी निकलकर आ रही है उसे सरकार की मानसिकता पर व सरकारी कर्मचारियों पर नकारात्मक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है  प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न प्रकार के पत्र पत्रिकाओं में वायरस जनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया)

के मरीज व उनकी मृत्यु से संबंधित रोजाना ही लेख प्रकाशित होते रहते हैं ऐसे में सरकार का कर्तव्य  होता है कि विभाग से संबंधित प्रगति रिपोर्ट वार्षिक तौर पर आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराए पर वर्तमान सरकार के द्वारा पिछले कुछ वर्षों से ना तो वार्षिक प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही हैं और ना ही सरकार की ओर से सही आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं ऐसे में शोधकों को विभिन्न प्रकार की प्रयोगशाला में शोध पत्रों का प्रकाशन करने, कराने में काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  ऐसे में प्रश्न बनता है यदि सरकार के द्वारा ही सही आंकड़े नहीं प्रकाशित किए जाएंगे तो वैज्ञानिक शोधन में शोध के सही  परिणाम तक कैसे पहुंच पाएंगे क्या सरकार और अधिकारी मिलकर हर विभाग में आम इंसान की जिंदगी के साथ राजनिति का काला खेल खेलते रहेंगे आखिर कब तक?

जैसा कि ज्ञात है कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ मलेरिया डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हुई जा रही है।

किए गए सर्वे के अनुसार नेशनल सेंटर फॉर द वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल एनसीवीबीडीसी NCVBDC की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त जानकारी से

उदाहरण के तौर पर अगर सिर्फ मात्र एक उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो वर्ष 2017 में डेंगू के 392 केस दर्ज होते हैं जिसमें से मात्र 28 डेथ मृत्यु दिखाई जाती है इसी प्रकार सन 2018 में 3829 केस दर्ज किए जाते हैं जिसमें से मात्र 4 चार मृत्यु दिखाई जाती हैं ठीक इसी प्रकार से 2019 में 10557 केस दर्ज किए जाते हैं जिसमें से मात्र 26 मृत्यु दिखाई जाती है इसी प्रकार सन 2020 में 3715 केस दर्ज किए जाते हैं जिसमें से मात्र 6 मृत्यु दिखाई जाती हैं इसी प्रकार सन 2021 में 29750 केस दर्ज किए जाते हैं जिसमें से मात्र 29 मृत्यु दिखाई जाती हैं अनंत 2022 में 19821 केस दर्ज किए जाते हैं जिसमें से मात्र 33 मृत्यु दिखाई जाती हैं बहुत ही अफसोस के साथ में की सत्र 2024 आने वाला है पर 2023 का आंकड़ा अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है

अगर पत्र पत्रिकाओं या टीवी चैनलों की माने तो उत्तर प्रदेश के प्रत्येक 75 जिलों को शामिल करते हुए प्रतिदिन के हिसाब से एक मृत्यु रखें तब भी साल की 365 मृत्यु हो जाती हैं तब ऐसे में मात्र प्रतेक वर्ष में 30 से 50 के बीच में मृत्यु दिखाना आंकड़ों को छिपाना तथा आंकड़ों के साथ खिलवाड़ है ।

संस्था ठीक इसी प्रकार का विवरण चिकनगुनिया का भी प्रस्तुत करना चाहेगी वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में चिकनगुनिया के मामले 103, 2018 में 58, 2019 में 72 ,2020 में 53, 21 में 70, 2022 में 200 जबकि इनमें से कोई भी चिकनगुनिया के मरीजों को मृत्यु के श्रेणी में नहीं रखा गया है।

ऐसे में शोध करने वाले शोध को सर्वे करने व आंकड़े प्रस्तुत करने व प्रकाशन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वर्तमान केंद्र की भाजपा व उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग पर तो खर्च करना चाहती है पर शोध कार्य पर पर्दा डालने का काम कर रही है ऐसे में वैज्ञानिकों, शोधकों के साथ साथ ही साथ देश के साथ मजाक व अंधकार में डालने जैसा ही होगा भविष्य में जिसके परिणाम दुखद होंगे ।

अतः एक शोध संस्था होने के नाते वर्तमान बीजेपी सरकार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से अनुरोध व निवेदन करती है कि कृपया आमजन मनुष्यों के जीवन से खिलवाड़ ना करते हुए शोध की आवश्यकता को देखते हुए सही आंकड़े ही वेबसाइट पर प्रकाशित कराएं तथा समस्त विभागों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति वार्षिक रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड करवाने का कष्ट करें ताकि शोधक एक सही परिणाम तक पहुंच सके और जो समस्याएं सच में पनप चुकी हैं उसका निराकरण किया जा सकें।

बहुआयामी संस्था के द्वारा विभिन्न प्रकार के सरकारी आंकड़े संलग्न के तौर पर प्रस्तुत कर रही है जो कहीं ना कहीं से सरकार की मानसिकता पर प्रश्न मार्क खड़ी कर रही है।

सरकारी आंकड़ों को देखने के लिए निम्न वेबसाइट पर जाएं ( https://ncvbdc.mohfw.gov.in/ )

Sl. No.Affected States/UTs201720182019202020212022
CDCDCDCDCDCD
1Andhra Pradesh49250401105286092504760063910
2Arunachal Pradesh18010123 1070 1140
3Assam50241166019603301030 18262
4Bihar18540214206712049326332 1397232
5Chattisgarh4440267410722057010860 267910
6Goa23503351992037606490 4431
7Gujarat47536757951821917156421098314 66827
8Haryana455001898012070137701183513 899618
9Himachal Pradesh4520467273442210349033261
10J & K48802140439053017094826918
11Jharkhand 71054631825079022012900
12Karnataka1784410442741698613382307393798899
13Kerala199943740833246521643995325127443229
14Lakshadweep0000000010670
15Madhya Pradesh2666645065418928060155921133182
16Meghalaya520440820401290260
17Maharashtra782965110115514907293356101272042857827
18Manipur1931140359037020305034
19Mizoram136068042067083018685
20Nagaland3570369080102401540
21Odisha41586519853758449607548070630
22Punjab1539818149809102891484352223389551103041
23Rajasthan84271495871013706172023720749961349110
24Sikkim31203200444011024312640
25Tamil Nadu232946544861385275241006039864308
26Tripura1270100011402403490560
27Telangana5369045922133317217307135089720
28Uttar Pradesh309228382941055726371562975029 1982133
29Uttrakhand84906893106228761738223370
30West Bengal3774646   NRNR51660826476727130
31A& N Island180490 1680980175010143
32Chandigarh11250301028602650159639101
33Delhi9271107136450770126901308923101839
34D&N Haveli20640493014912248054706850
35Daman & Diu5901630 625271027902280
36Puduchery4568759222030263311625116733
 Total1884013251011921721573151664458556193245346233251303

         बहुआयामी शिक्षा तकनीकी अनुसंधान समिति      

By admin_kamish

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष

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