रिपोर्टर रजनीश कुमार
अजीतमल औरैया।अजीतमल कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सेऊपुर निवासी स्वर्गीय अनिल कुमार दिवाकर की पत्नी रेनू अपने पुत्र अभिजीत उम्र करीब 7 वर्ष को डॉक्टर सुधांशु दीक्षित के आवास पर कल ईलाज कराने आई थी । उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधांशु दीक्षित ने बच्चे का इलाज किया। परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान 7 वर्षीय बच्चे की मृत्यु हो गई।
अजीतमल औरैया। तहसील क्षेत्र के सेउपुर निवासी स्वर्गीय अनिल कुमार दिवाकर के 7 वर्षीय पुत्र अभिजीत उर्फ जिगर की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई । मौके पर क्षेत्राधिकारी भरत पासवान एसडीएम अजीतमल राकेश सिंह, कोतवाली प्रभारी राजकुमार सिंह मौजूद। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्ट मार्डॉर्म के लिए भेज दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अजीतमल तहसील गेट के सामने स्थित पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुधांशु दीक्षित के आवास पर सेऊपुर निवासी अभिजीत का कल से इलाज चल रहा था । सब कुछ ठीक ठाक था। समय लगभग 2:30 बजे डॉक्टर ने अभिजीत को कही बाहर ले जाने के लिए कहा परिजन अभिजीत को लेकर औरैया सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। और बताया कि इसकी मौत तो लगभग एक घंटे पहले हो चुकी है। मृत अभिजीत को लेकर परिजन पुनः सुधांशु दीक्षित के आवास पर आए तो आवास पर ताला लगा पाया। परिजनो ने शव रखकर कानूनी कार्यवाही की मांग की। वही मृतक के मामा आनंद कुमार पुत्र महावीर निवासी ग्राम सहनीपुर कानपुर देहात ने डॉक्टर के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने की कोतवाली में तहरीर दी है।
क्षेत्राधिकारी भरत पासवान ने बताया तहसील के सामने स्थित डॉक्टर के आवास पर इलाज के दौरान एक बच्चे की मृत्यु हो गई है शव को पंचनामा भरकर मोर्चरी भेजा जा रहा है पोस्टमॉर्डम और तहरीर के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
मृतक बच्चे के मामा आनंद कुमार ने पुलिस को शिकायती पत्र दिया और कार्रवाई करने की मांग की।
मृतक के चाचा विजय कुमार बच्चों को बच्चे की मां के साथ डॉक्टर सुधांशु दीक्षित के यहां इलाज के लिए लाए थे।अभी तक तो झोला छाप डॉक्टर से हो रही थी मरीजों की गलत इलाज से मृत्यु अब पहली बार पूर्व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधांशु दीक्षित एमबीबीएस रिटायरमेंट होने के बाद इलाज करने से एक बच्चे की मृत्यु का मामला सामने आया। मामला यह उठाया गया कि क्या डॉक्टर रिटायरमेंट के बाद इलाज करने के लिए वैध है।पुलिस को शिकायती पत्र मिलने के बाद जांच में जुटी। क्षेत्राधिकारी भरत पासवान ने मृतक बच्चे के परिजनों को समझा बूझकर वहां से जाने के लिए कहा और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।