लखनऊ: दिनांक: 09 नवम्बर, 2023
अष्टम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस समारोह के मुख्य कार्यक्रम में आज राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय ,लखनऊ के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री एवं प्रमुख सचिव , निदेशक आयुर्वेद द्वारा माता सरस्वती जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर माननीय आयुष मंत्री द्वारा आयुष ई पत्रिका का डिजिटल विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि वर्तमान समय में गलत जीवन शैली, खानपान एवं फास्ट फूड की वजह से मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थायराइड की बीमारी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में आयुर्वेद कहता है कि हम व्यक्ति को बीमार ही नहीं होने देंगे, इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। श्री अन्न बाजरा, ज्वार, कोदों , रागी, सांवा, मड़वा इत्यादि का सेवन करने से रोगों से बचा जा सकता है। दुनिया की सारी चिकित्सा जहां हार जाती है वहां आयुर्वेद में आशा की किरण दिखाई देती है।
आयुष मंत्री ने आयुर्वेद कालेज के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई रंगोली का निरीक्षण किया। कालेज में इस अवसर पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर उन्होंने सेल्फी ली। इसके पश्चात उन्होंने प्रथम तल पर स्थित मालवीय कक्ष में छात्रों द्वारा आयुष व्यंजन प्रतियोगिता का निरीक्षण एवं रसास्वादन किया। उन्होंने आयुष व्यंजन के प्रथम स्थान के विजेता डॉ काजल ,डॉ रुखसार खान द्वितीय स्थान डॉ मोनिका, डा आयुषी तृतीय स्थान डॉ राधिका ,डॉ भारती को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
प्रमुख सचिव आयुष लीना जौहरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्ति का स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है इसलिए स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमारा स्वास्थ्य अच्छा है तभी हमारा मन, मस्तिष्क भी बेहतर कार्य कर सकेगा। प्राचीनकाल से आज तक हम यही सुनते आये हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है और इसके लिए हमें नियमित योगा के साथ-साथ घरेलू रूप में उपलब्ध भोज्य पदार्थों का जैसे-तुलसी, करी पत्ता, नीम, आंवला इत्यादि का भरपूर सेवन करना चाहिए।
निदेशक आयुर्वेद डॉ पीसी सक्सेना ने कहा कि आज आयुष विभाग वर्तमान सरकार की कार्यशैली से निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहा है उन्होंने आयुष विद्या के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपनी सेवाओं के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने की अपील की।
प्रोफेसर माखनलाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि वर्ष 2016 के पूर्व प्रतिवर्ष धन्वंतरि जयंती मनाई जाती थी। 2016 से प्रधानमंत्री के प्रेरणा से राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में धन्वंतरि जयंती मनाई जाने लगी। इस बार की थीम हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद है। धन्वंतरि जयंती के दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की आराधना कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद के श्री सूक्त में कहा है कि अग्नि, प्राण ,वायु ,सूर्य यही धन है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के कार्यक्रमों की शुरुआत 1 नवंबर से प्रारंभ हुई संस्थान में पोस्टर प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता ,क्विज प्रतियोगिता आयुष रेसिपी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, जन जागरूकता कैंप, निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर तथा जन जागरूकता हेतु बाइक रैली आयोजित की गई।