ग्रामीण स्तर तक पहुंचे स्त्री रोगों के दूरबीन से ऑपरेशन की सुविधा—डॉ पण्डित पालस्कर॥
रिपोर्ट-रोहित सेठ
देश के हर रोगी को मिले दूरबीन से ऑपरेशन की सहूलियत: डॉ अतुल गनात्रा ॥
स्त्री रोग विशेषज्ञों का राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का दूसरा दिन।
वाराणसी । इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपिस्ट्स (आईएजीई) तथा वाराणसी आब्स एन्ड गायनी सोसायटी (वीओजीएस) की ओर से आयोजित स्त्री रोग विशेषज्ञों का राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का शनिवार को दूसरा दिन रहा। दूसरे दिन भी होटल ताज गंगेज में चर्चा का मुख्य बिंदु ‘स्त्री रोगों का दूरबीन से ऑपरेशन एवं उपचार’ ही रहा।
सम्मेलन में आईएजीई के अध्यक्ष डॉ पण्डित पालस्कर ने कहा कि दूरबीन से ऑपरेशन का मतलब बिना टांका का ऑपरेशन होता है। इससे बच्चेदानी की समस्या का निदान आसानी से हो जाता है। यूट्रस की समस्या दूर करने में ज्यादा लाभदायक है। उन्होंने बताया कि दूरबीन से ऑपरेशन होने पर दो दिनों में रोगी को छुट्टी हो सकती है। पेन किलर कम देना पड़ता है और खून भी कम गिरता है। दूरबीन से ऑपरेशन की सुविधा ग्रामीण स्तर तक होनी चाहिए।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ अतुल गनात्रा ने कहा कि दूरबीन से ऑपरेशन अत्याधुनिक तकनीक है। यह सुविधा देश के हर नागरिक को मिलनी चाहिए। दूरबीन से कैंसर का ऑपरेशन भी सम्भव है। इसके लिए डॉक्टर को बेहतर प्रशिक्षण मिलना चाहिए और आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण उपकरण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि आईएजीई द्वारा सचल बस के माध्यम से डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि अधिक से अधिक डॉक्टर इस विधा में प्रशिक्षित हो सके और ग्रामीण स्तर तक अपनी सेवा दे सके।
आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ नीलम ओहरी ने बताया कि यह सम्मेलन विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में नवीनतम ज्ञान व अनुभवों को साझा करने का महत्वपूर्ण मंच है।
सम्मेलन में कई शोधपत्र पढ़े गए जिसपर गहन चर्चा हुई।रोबोटिक सर्जरी पर विशेषज्ञ व्याख्यान भी आयोजित हुआ। डॉ सुधा टंडन द्वारा डाई (एंडोमेट्रियोसिस) के लिए लेप्रोस्कोपी सर्जरी पर बल दिया गया। डॉ पी जी पॉल ने एंडोस्कोपी से जुड़े विवादों का समाधान किया। हिस्टेरोस्कोपी की जटिलताओं से बचाव पर पैनल चर्चा का आयोजन भी हुआ। इसके संयोजक डॉ कल्याण वर्माडे और डॉ मिलिंद तेलंग रहे। दूसरी तरफ जटिल मायोमेक्टॉमी, एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक से फोड़ा के उपचार पर बल दिया गया। मूत्रवाहिनी प्रत्यारोपण, हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के प्रति रुझान पर चर्चा की गई। वीडियो प्रदर्शनी में एंडोस्कोपी की प्रगति,सर्जरी में रोबोटिक्स का महत्व के बारे में बताया गया। विशेष व्यख्यान में डॉ निशा रानी, डॉ एलके पांडेय, डॉ अनाहीता चौहान, डॉ इचनाइंडी राचमन, डॉ सुधा टण्डन, डॉ स्नेहा भूयार आदि ने स्त्री रोग के उपचार पर विचार व्यक्त किये।
शाम को 7.30 बजे उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। फॉगसी के अध्यक्ष डॉ जयदीप टांक ने दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। तत्तपश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘एक शाम बनारस के नाम’ आयोजित किया गया।
सम्मेलन में आयोजन समिति के सचिव डॉ लविना चौबे और डॉ श्रीकांत ओहरी का विशेष सहयोग रहा।