धर्मेन्द्र कसौधन(ब्यूरो, उत्तर प्रदेश):परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट(PAR) जमा न करने वाले प्रदेश के 900 से अधिक बीएड व डीएलएड कालेजों पर एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बुधवार को सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र भेजा। जिसमें कहा गया कि ऐसे कालेजों का आगामी सत्र शून्य करते हुए वर्ष 2022-23 में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जो कालेज बीएड प्रवेश परीक्षा से पहले रिपोर्ट जमा कर देंगे, उन्हें राहत मिल सकती है। 27 अप्रैल को दिल्ली में हुई जनरल बाड़ी मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था।

एनसीटीई ने बीएड कालेजों से परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट भेजने को कहा था, जिसमें कालेजों से उनकी भूमि का ब्योरा, शिक्षकों व छात्रों की संख्या आदि की जानकारी मांगी गई थी। कई बार तिथि बढ़ाने पर भी प्रदेश के 900 से अधिक कालेजों ने रिपोर्ट नहीं दी। कुछ कालेज कोर्ट गए लेकिन, एनसीटीई के पक्ष में फैसला आया।कालेजों की लापरवाही के कारण तय किया गया कि इन्हें सत्र 2022-23 की काउंसिलिंग में नहीं जोड़ें।

रुविवि से संबद्ध 30 से अधिक महाविद्यालय भी शामिल: सूची में एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध 30 और छत्रपति शाहूजी महाराज विवि कानपुर से संबद्ध 100 बीएड कालेजों के नाम हैं। बुधवार को यह पत्र जारी होने के बाद बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा करा रहे रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई। अनुमान है कि करीब छह लाख अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे। यदि 900 कालेजों का सत्र शून्य किया गया तो काउंसलिंग के लिए सीटें उपलब्ध कराना कठिन हो जाएगा।

सत्र शून्य होने से बढ़ेगी भीड़,कॉउंसलिंग में होगी मारामारी

बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी इस बार रुहेलखंड विवि को मिली है। उम्मीद जताई जा रही है कि परीक्षा में छह लाख के आसपास अभ्यर्थी बैठेंगे। वहीं मेरिट के आधार पर सभी को सीट आवंटित होगी। इधर एनसीटीई द्वारा प्रदेश के लगभग 900 महाविद्यालयों का शैक्षणिक मंत्र 2022-23 शून्य कर दिया गया तो काउंसिलिंग में काफी मारामारी होगी।

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