विश्व के सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ा है– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा.।

रोहित सेठ

राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी एवं अखिल भारतीय आयुर्वेद विशेषज्ञ (स्नातकोत्तर)सम्मेलन
में आयोजित सम्मान समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा को ‘गुरु श्रेष्ठ चरक सम्मान’ से विभूषित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा सम्पूर्ण विश्व में कारगर सिद्ध हो रहा है और यह चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।आयुर्वेद चिकित्सा विश्व में सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है।कोरोना के समय इस चिकित्सा पद्धति ने विश्व को अपने प्रकृति से जीवन की सुरक्षा का एक संदेश दिया है।आज इस भारतीय ज्ञान परम्परा के चिकित्सा पद्धति पर लोगों की विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने आचार्य चरक के बताये मार्ग पर चलकर चिकित्सा व्यवस्था को स्वीकार करने की बात कही और कहा कि यह संस्था भी चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए सम्पूर्ण परिक्षेत्र में सेवा भाव से अपनी सेवा दे रही है।
सम्मान समारोह में प्राचार्य प्रो शशि सिंह ने अंग वस्त्र, माला,स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र के साथ अभिनंदन एवं सम्मानित किया।

इस अवसर पर डा. अजय कुमार सचिव, वाराणसी ब्रान्च ए.आई.ए.एस.पी.जी.ए., प्रो. वी.डी. अग्रवाल महासचिव, सेन्ट्रल ब्रान्च ए.आई.ए.एस.पी.जी.ए. और प्रो. शशि सिंह प्राचार्य, राज. आयु. महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी उपस्थित थे।

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