नसीम अहमद
बिजनौर,आपको बता दें कि जिस तरह से पूरे भारत में ही राशन कार्ड की केवाईसी आधार द्वारा की जा रही है जिससे पूरे उत्तर प्रदेश और देश के सभी राज्यों की जनता को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि देश की जनता अपने देश के बनाए गए नियमों का पालन कर रही है जिससे राशन कार्ड में जो अपात्र लोग हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है उनको सही करने का सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है वहीं पर दूसरी तरफ से बैंकों में लगे आधार कार्ड के सेन्टर भी जनता को परेशानी से निजात दिलाने को बजाय परेशानी का सबब बन रहे हैं जहां पर लोग प्रातः 4:00 बजे से लेकर लाइन में लग जाते हैं और उनका काम दिन में पूरे दिन लाईन में लगे रहने के बाद भी नहीं हो पता है ऐसा ही मामला आज उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर की इंडियन बैंक की शाखा राम के चौराहे पर देखने को मिला है लाईन में खड़े लोगो से जब उनका हाल जाना तो उन्होंने बताया कि आठ दस दिन से हम लाइन में सुबह 4:00 बजे आकर लग जाते हैं और बैंक के कर्मचारियों द्वारा हमें धक्का मुक्का दिया जाता है बात सिर्फ यही तक नहीं है बात करें तो बैंक के कर्मचारीयो ही नही बल्कि सफाई कर्मचारी और गार्ड द्वारा भी उनको अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धक्का मुक्की दी जा रही है और अगर बात करें लाइन की तो उन्होंने टोकन का सिस्टम बना रखा है जहां पर लोगों ने बताया कि 10 या 15 टोकन बांटे जाते हैं और बाकि लोगो को कह दिया जाता है कि अब तुम कहीं भी जो हमें मतलब नहीं है ऐसे में बड़ा सवाल उठता है की पहली बात तो लोगों की सुरक्षा का सवाल है दूसरा यह के भूखे प्यासे अपने बच्चों को लेकर जब लोग गांव देहात से शहर की बैंकों में आधार कार्ड सही कराने आते हैं तो उनका काम भी नहीं होता पता है पूरा दिन कर्मी की इस तपती से और गर्मी में परेशान होकर जब एक आदमी अपने घर मायूस होकर लौटता है तो उस पर क्या बीती है और इसी वजह से बच्चे में बीमारी का सबक बना हुआ है बच्चों में बीमारी फैलने का कारण एक यह भी देखने को मिला है क्योंकि बैंक अपने अंदर तो बैठने नहीं दिया जाता और कहता है कि बैंक तुम्हारे लिए नहीं बनाया है आप बाहर सड़कों पर या बैंक के बाहर जाओ इस तपती धूप पर खड़े होकर लोग अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता है और जब नंबर नहीं आता तो शाम को निराशा और मायूस होकर वह अपने घर लौट जाते हैं जहां पर एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति को अपनी आय से भी समझौता करना होता है क्योंकि जब वह आधार बनाने के लिए लाइन में लग जाता है तो उसे दिन वह मजदूरी पर नहीं जा पाता जिससे एक दिन का होने वाला काम और 10 दिन में जब होता है तो उसे 8 से 10 दिन तक अपनी मजदूरी छोड़नी पड़ती है और उसके परिवार में कहीं ना कहीं आर्थिक स्थिति भी खराब होने लगती है ऐसे में मेरा निवेदन है कि जनता के साथ हो रहे इस बरताव को संज्ञान में लेते हुए बैंक अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए जाए । आधार ऑपरेटर के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुऐ। जनता को परेशानी का परेशान न करने की सख्त हिदायत दी जाए। और आधार कार्ड में जो फीस पर्ची पर छपी हुई आती है यानी कि जो सरकारी फीस होती है वही लेने की हिदायत दी जाए ।अनाधिकृत या अवैध वसूली न की जाए और बैंकों को भी यह हिदायत दी जाए कि बैंक में आने वाले एक देश के नागरिक के साथ सही बरताव करें और वहां पर पीने का पानी तथा बैठने की व्यवस्था बनाई जाए।