बाबा की पंचबदन चल प्रतिमा का हुआ हरियाली श्रृंगार।
श्रावण पूर्णिमा पर बाबा का होगा झुलनोत्सव।
रोहित सेठ
वाराणसी। श्रावण पूर्णिमा पर बाबा काशी विश्वनाथ के झूलनोत्सव की पूर्व परंपरानुसार बाबा का हरियाली श्रृंगार टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर किया गया। श्रृंगार से पहले बाबा की पंचबदन प्रतिमा का पारंपरिक रूप से पं.सुशिल त्रिपाठी के आचार्यत्व में 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा महंत पं.वाचस्पति तिवारी ने दीक्षित मंत्रों के साथ बाबा विश्वनाथ की सपरिवार चल प्रतिमा का पुजन किया तदुपरांत संजीव रत्न मिश्र ने बाबा का श्रृंगार किया गया।
सायंकाल 7 बजे श्रृंगार के बाद महंत वाचस्पति तिवारी ने आरती किया आरती के बाद बाबा श्रृंगाररित स्वरूप के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का तांता लग गया।
हरियाली श्रृंगार के अवसर पुनीत (पागल बाबा) द्वारा शिवाजंली प्रस्तुत किया गया गौरा संग डमरूवाले झुल रहा झुला, औघड़दानी का आरे जग में डंकाबाजे , बिक्की द्रविड के गीत बाबा का मंदिर सज गया प्यारा पर जम कर झुमें काशी वासी, झिर झिर बरसे सावन रस बूंदिया, जय जय हे शिव परम पराक्रम ,तुम बिन शंकर आदि रचनाएं उदीयमान कलाकारों ने बाबा के चरणों में अर्पित कीं। गायन करने वालों में दिपु मेहरोत्रा आर्यन ने ढोलक पर शामिल रहे। श्रावण पूर्णिमा (19 अगस्त) पर मंदिर की स्थापना काल से चली आ रही लोक परंपरा के अंतर्गत बाबा को माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ झूले पर विराजमान कराया जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव सायंकाल साढ़े पांच बजे के बाद आरंभ होगा। उससे पूर्व टेढ़ीनीम स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा का विधि-विधान पूर्वक पूजन अर्चन किया जाएगा। पूजनोपरांत मंदिर के अर्चक और महंत परिवार के सदस्य बाबा की पंचबदन प्रतिमा को सिंहासन पर विराजमान करके टेढ़ीनीम से साक्षीविनायक, ढुंढिराजगणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक ले जाएंगे। इस दौरान बाबा का विग्रह श्वेत वस्त्र से ढंका रहेगा। मंदिर पहुंचने के बाद बाबा की पंचबदन प्रतिमा को माता पार्वती और गणेश के साथ पारंपरिक झूले पर विराजमान कराया जाएगा। दीक्षित मंत्र से पूजन के बाद सर्वप्रथम गोलोकवासी महंत डा.कुलपति तिवारी के पुत्र व महंत परिवार के सदस्य बाबा को झूला झुलाएंगे।