डीएम के सख्त निर्देश पर बाढ़ खंड ने शुरू किया युद्ध स्तर पर बचाव कार्य
*रिपोर्ट चंद्र हास वर्मा
जिला लखीमपुर खीरी तहसील धौरहरा सुजानपुर के गांव माथुरपुर में घाघरा नदी का कटान ठहर गया है। आबादी को बचाने के लिए जिला प्रशासन और बाढ़ खंड के अथक प्रयासों से माथुरपुर में पिछले चार दिन से कटान की रफ्तार थम गई है। जिससे एक दशक में दूसरी बार अपना आशियाना उजड़ने की आशंका में भयभीत ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
घाघरा नदी के कटान का आलम यह था कि विगत एक पखवाड़े से माथुरपुर गांव की आबादी को बचाने के लिए दिनभर कटान रोधक काम होता था और रात में नदी की लहरें सब कुछ समेट ले जाती थीं। नदी खेतों में लगी लहलहाती फसलों को निरंतर निगलती जा रही थी। फिर बाढ़ खंड और राजस्व प्रशासन संजीदा हुआ तो सुखद परिणाम आया और पिछले चार दिन से आबादी क्षेत्र में कटान नहीं हो रहा है। नदी की लहरें आबादी से बीस मीटर की दूरी पर आकर ठहर गई हैं। जिससे बचाव काम में लगे बाढ़ खंड और राजस्व महकमें के साथ-साथ ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। कटान की गति काफी धीमी होने से ग्रामीणों का पलायन रुक गया है।
माथुरपुर गांव की आबादी को बचाने के लिए कटान रोधक काम युद्ध स्तर पर चल रहा हैं। छह कांटेक्टरों के माध्यम से छह जेसीबी मशीनें श्लोक काटने का काम कर रही हैं। तेज धारा को रोकने के लिए करीब दो दर्जन ट्रैक्टर ट्राली जंगल से बड़े-बड़े पेड़ लाकर डाल रहे हैं। इसके साथ ही दो सौ श्रमिक बंबू क्रेट और मिट्टी की बोरी डालने का काम कर रहे हैं। जिन पर निगरानी के लिए छह जेई अलर्ट किए गए हैं। रात्रि में बचाव कार्य जारी रखने के लिए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई है। बचाव कार्य में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
अजय कुमार अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड शारदानगर