मदरसा के प्रमुख अध्यापक खुर्शीद अनवर मुबारक पुरी और मदरसा के संचालक मौलवी अखलाक अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को नौकरी के बंटवारे में समान रूप से शामिल रहते हैं,मदरसा मज़हरुल उलूम अपनी इलमी शान व शौकत को तो पहले ही खो चुका है।कम अज़ कम रोज़गार पाने के हुकूक में स्थानीय लोगों की रियायत का तो लिहाज किया जाना चाहिए। खुर्शीद अनवर मुबारक पुरी अपने रिटायरमेनट वर्ष प्रावधान के अधिकारों में फेर बदल के ज़रिया अपना एक लड़का,एक लड़की और एक साले को नौकरी देने केलिये बनारसी लोगों का हक़ नहीं छीना जाना चाहिए. और इस तरह का अपमानजनक व्यवहार समिति की ना अहली और जेहालत के साथ यह मदरसा के प्रमुख अध्यापक खुर्शीद अनवर मुबारक पुरी की गुलामी है.जो बनारस के लोगों के लिए सदमे का सबब है और अगर इसे नहीं रोका गया तो उनके मान-सम्मान के साथ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है

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