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पत्रकारिता क्षेत्र में लोक कल्याण के लिए देवर्षि नारद का चरित्र अनुकरणीय-ः सर्वेश सिंह
लखीमपुर-खीरी। देवर्षि नारद प्रक्टोत्सव समिति द्वारा आयोजित विशाल पत्रकार गोष्ठी का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया। जेष्ठ कृष्ण द्वितीया को आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि अशोक दुबे, सर्वेश सिंह, सियाराम पाण्डे शांत, राकेश मिश्रा व अशोक सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में गोष्ठी का मुख्य विषय पत्रकार का लोकधर्म एवं देवर्षि नारद विषय को रेखांकित करते हुए चर्चा की आधार शिला गंगाप्रसाद पाण्डेय ने रखी। ततपश्चात राहुल तिवारी एड. सनातन ने समय की मांग के अनुरुप “हां मेने संघर्ष चुना है” की रचना स्वरों में पिरोते हुए संपूर्ण जनपद से आये हुए सैकड़ों पत्रकारों के सामने आहृवान किया कि समय की मांग के अनुरुप वर्तमतान दुरुह हो गई पत्रकारिता में आमूलचूल परिवर्तन की अपेक्षा है और संपूर्ण पत्रकार वर्ग राष्ट्र के उन्नयन एवं समृद्धि के लिए सही समय पर अपना रचनात्मक योगदान कर सकता है। कार्यक्रम में विजय गुप्ता ने पत्रकारों की कार्यशैली उनके उत्तरदात्वि एवं व्यौहारिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए मौलिक धारा में चलने की बात कही। इसी विधा में लखनऊ से पधारे ज्ञानमूर्ति सियाराम पाण्डे शांत ने कहा कि नारद जी हमें जटिल एवं दुरुह पत्रकारिता का बोध कराते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सिखाते है कि हमें अपने उत्तरदयित्व का निर्वहन करते हुए लोक कल्याण के लिए किस तरह सकारात्मक पत्रकारिता करनी चाहिए। नादर जी के विषय में उनके व्यक्तिव एवं क्रतित्व पर बेहद गंभीर चरित्रचित्रण करते हुए शांत जी कहते हैं कि नारद जी देश, काल, परिस्थिति और समय की सार्थकता को सिद्ध करते हुए सूचनाओं का संवेदनशील एवं प्रभावी सूचनाओं को प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत करते रहे हैं, जो आज के जागरुक पत्रकारों के लिए अनुकरणीय है। नारद जी से हमें पत्रकारिता के गुणों को सीखने की आवश्यकता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सर्वेश सिंह ने लोक धर्म का मर्म समझाते हुए वर्तमान परिस्थितियों का परिशीलन किया। कार्यक्रम में अशोक दुबे ने प्राचीन भारत के परिद्रष्य को लेकर पत्रकारिता की मौजूदा स्थिति के बारे में विचार प्रकट किये और कहा कि कालांतर में प्रिंट मीडिया के दौर में तथ्यात्मक एवं अनवेष्णात्मक पत्रकारिता की जाती थी जिसका प्रभाव आम जन-मानस पर गहरे पैठता था। आज शोषल मीडिया का प्लेटफार्म जिस स्वरुप में सामने आया है उसने सूचनाग्राही तंत्रों एवं उसकी प्रमाणिकता को छिन्नभिन्न कर दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नैसर्गिक एवं तथ्यात्मक पत्रकारिता से हम दूर होते गये और इलेक्ट्रनिक मीडिया की तरह जस की तस सूचनाएं जन सामान्य तक पहुॅचाते रहे तो हम केवल सूचना दाता के रुप में ही बने रह जायेंगे और लोक कल्याण की भावना सुप्त होती जायेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार राकेश मिश्र ने अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद आगत समस्त अतिथियों एवं उपस्थित पत्रकारों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। पत्रकार संगोष्ठी में जनपद के वरिष्ठतम पत्रकारों में नन्द कुमार मिश्रा, सुबोध शुक्ला, विकाश दीक्षित, उपेंद्र मिश्रा, विकाश दीक्षित, सरदार राजेंद्र सिंह, टीएन मिश्रा, शरद अवस्थी, दिनेश चंद्र चड्ढ़ा, विनय तिवारी एड., एसपी सिंह, विनय रस्तोगी, हरीश रस्तोगी, सहित सैकड़ों पत्रकार गोष्ठी में उपस्थित रहे।