” बनारस सुभान अली की रिपोर्ट यह एक सवाल है जो आजकल कई ‘भक्त’ ट्विटर पर पूछ रहे हैं, जो ग़लत ख़बरों और ‘गोदी मीडिया’ की झूठी राष्ट्रवादी प्रचार में लिपटे जश्न में डूबे हुए हैं।तो आइए जानते हैं कि मनमोहन सिंह सरकार ने वास्तव में क्या किया था:- हमले के दौरान ही एनएसजी (NSG) को तुरंत तैनात किया गया।- एक भी आ!तंकवादी को ज़िंदा बचने नहीं दिया गया – सभी को ढूंढ-ढूंढ कर मार गिराया गया।- अजमल कसाब को ज़िंदा पकड़ा गया और उसके खिलाफ़ मुक़दमा चलाया गया।- उसकी आ!तंकवादी गतिविधियों का स्पष्ट सबूत पेश किया गया, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने और घेरने के लिए किया गया।- बाद में उसे फांसी दी गई।- नहीं, उसे ‘बिरयानी’ नहीं परोसी गई – ये एक झूठ है, जो अब तक कई बार बेनक़ाब हो चुका है।हर एक आतंकवादी मारा गया, किसी को बच निकलने का मौका नहीं मिला।- सरकार ने सुरक्षा चूक की पूरी जिम्मेदारी ली।- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया।- महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने भी इस्तीफा दिया।- केंद्रीय गृहमंत्री ने भी इस्तीफा देकर राजनीतिक जवाबदेही निभाई।- सरकार ने जनता के प्रति अपनी जवाबदेही स्वीकार की।क्या नहीं किया गया:- सरकार ने दिखावटी देशभक्ति या मांसपेशी दिखाने वाले राष्ट्रवाद का सहारा नहीं लिया।- सरकार ने पाकिस्तान को हमारी ज़मीन पर आकर जांच करने का न्योता नहीं दिया।- सरकार ने भारतीय मुस्लिम समुदाय को दोषी नहीं ठहराया – क्योंकि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं
