धर्मेन्द्र कसौधन(ब्यूरो, उ. प्र):यूपी में इस सत्र 2022-23 में एक दर्जन डीएलएड (पुराना नाम बीटीसी) कॉलेजों ने प्रवेश लेने से इनकार कर दिया है। कॉलेजों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें विद्यार्थी आवंटित न किए जाएं। प्रदेश में डीएलएड के 3100 निजी कॉलेज हैं।

ये हैं कारण
पिछले तीन-चार वर्षों से यूपी में डीएलएड की सीटें खाली रह जा रही हैं। प्रदेश में डीएलएड की 2.50 लाख सीटें हैं लेकिन पिछले वर्ष भी 50 फीसदी सीटें खाली रह गई थीं। अब डीएलएड कॉलेज विद्यार्थियों के लिए तरस रहे हैं। वर्ष 2009 में आरटीई कानून लागू होने के बाद कक्षा एक से पांच तक में केवल बीटीसी वालों को ही मान्यता दी गई थी।

एक दशक में इतने कालेज बढ़े

2011 में जब यह कानून लागू हुआ तो प्रदेश में केवल 10,600 सीटें ही बीटीसी की थी और निजी कॉलेजों की संख्या 65 से 70 थी। धीरे-धीरे निजी कॉलेजों ने भी डीएलएड प्को जोड़ा और बीते 10 सालों में 3100 कॉलेज खुल चुके हैं।

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