लखनऊ
सिगरेटरी की तनख्वाह एक महीना में ₹50000 हजार रुपए से भी ज्यादा हैं लेकिन उनको 4परसेंट कमीशन चाहिए वीडियो की तनख्वाह ₹70000/हजार रुपए से 80000/हजार रुपए महीना है फिर भी उनको 8 परसेंट कमीशन चाहिए जे.ई की तनख्वाह ₹50000/हजार रुपए है फिर भी 5 परसेंट कमीशन चाहिए ब्लॉक में बैठे बाबू को भी दो परसेंट से तीन परसेंट कमीशन चाहिए क्या यह सब चीजें सरकार को नहीं मालूम है 5 वर्ष में जितने भी विडिओ जे.ई व सिगरेटरी हैं वो करोड़पति हो जाते हैं पैसा कहां से आता है फिर भी उनका पेट नहीं भरता और कभी उनकी जांच नहीं होती।प्रधान दिन-रात खेत में काम करता है खेती से कमाता है इसके बाद उसके ऊपर उंगली उठती है कि प्रधान ने सब खा लिया मलाई खाने वाले तो आराम से बैठे जिन से कोई पूछता ही नहीं अगर वह अपना कमीशन नहीं पाएंगे तो पेमेंट नहीं होगा डोंगल नहीं लगेगा एमबी नहीं की जाएगी वीडियो जाँच चालू कर देगा तमाम तरह की यातनाएं प्रधानों को दी जाती हैं आज तक किसी ने सोचा तनख्वाह देते हो ₹3500/ रुपए महीना प्रधान को ब्लॉक जाना पड़ता है 50 बार प्रधान को 1 महीने में प्रधान का खर्चा होता है ₹15000 महीना आने जाने का और विधायक की तनख्वाह₹200000/लाख रुपए महीने सांसद की तनख्वाह ₹300000/महीने और विधायक सांसद कोआने जाने का किराया फ्री चाहे ट्रेन से जाए चाहे बस से जाए चाहे हवाई जहाज से जाए फ्री रहने के लिए उसका कमरा फ्री बात करने के लिए फोन फ्री खाना खाने के लिए पैसा सरकार देगी चलने के लिए डीजल सरकार देगी कभी किसी ने सोचा कभी किसी सांसद कभी किसी विधायक की जांच हुई जांच होगी सिर्फ प्रधान की कभी किसी वीडियो की जांच हुई कभी किसी सेक्रेटरी की जांच हुई कभी किसी बाबू की जांच हुई हर प्रधान की जांच होती है जो भी जांच करने आता है प्रधान की वह भी पैसा लेकर जाता है।बैठे हुए शासन के लोगों तुम को सोचना चाहिए कम से कम हर प्रधान की 1 महीने की तनख्वाह ₹40000 से 50000 रुपए होनी चाहिए क्योंकि प्रधान सीढ़ी का पहला डंडा है गांव का विकास प्रधान के द्वारा ही होता हैअगर गांव का विकास नही हुआ गांव की जनता संतुष्ट नहीं रहेगी तो देश का विकास नहीं होगा देश की जनता नहीं संतुष्ट होगी इसलिए सभी प्रधानों का मानदेय 40,000 से ₹50000 रुपए किया जाए या फिर जैसे विधानसभा में बैठकर विधायक अपनी तनख्वाह बढा लेता है भत्ता बढा लेता है सांसद पार्लियामेंट में बैठकर अपनी तनख्वाह अपना भत्ता अपनी सारी फैसिलिटी बढा लेता है वैसे प्रधान को भी पावर दिया जाए कि अपनी सदन में बैठकर वह भी अपनी तनख्वाह और अपने भत्ते भी बढा सके लागू कर सके।धन्यवाद सभी प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि।