यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट छात्र-छात्राएं स्क्रूटनी (सन्निरीक्षा) के लिए 12 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि लिखित एवं प्रयोगात्मक खंड के लिए 500 रुपये प्रति प्रश्नपत्र की दर से निर्धारित है। स्क्रूटनी से संबंधित आवश्यक निर्देश बोर्ड की वेबसाइट upmsp.edu.in पर उपलब्ध है। इच्छुक अभ्यर्थी आवेदित विषयों के लिए निर्धारित शुल्क चालान के माध्यम से राजकीय कोषागार में जमा करेंगे। उसके बाद स्क्रूटनी के ऑनलाइन फॉर्म के प्रिंटआउट के साथ चालान पत्र संलग्न कर रजिस्टर्ड डाक से बोर्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को 12 जुलाई तक भेजेंगे।

क्षेत्रीय कार्यालय में बुधवार से खुलेगी ग्रीवांस सेल

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में शामिल छात्र-छात्राओं की परिणाम संबंधित किसी भी समस्या या शिकायत के समाधान के लिए बुधवार से सभी पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों प्रयागराज, मेरठ, बरेली, वाराणसी और गोरखपुर में ग्रीवांस सेल खोली जाएगी। छात्र-छात्राओं के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में नाम, माता-पिता के नाम, जन्मतिथि या किसी अन्य विवरण में त्रुटि हो तो सेल में प्रत्यावेदन देकर संशोधन करा सकते हैं। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि बुधवार से ग्रीवांस सेल सक्रिय हो जाएगी।

दो दिन के लिए यूपी बोर्ड में अवकाश

प्रयागराज : 2022 की बोर्ड परीक्षा घोषित करने के बाद यूपी बोर्ड मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में सोमवार और मंगलवार को दो दिन अवकाश रहेगा। रविवार को अवकाश है इसलिए अधिकारियों और कर्मचारियों को तीन दिन की छुट्टी मिल जाएगी।

ये है पास होने की शर्तें

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के लिए 27,81,645 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 25,20,634 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए थे। 22,22,745 परीक्षार्थियों को सफलता मिली। परीक्षा में शामिल हुए 25,20,634 परीक्षार्थियों में से 2,79,102 (12.56 प्रतिशत) परीक्षार्थी एक विषय में फेल हो गए। यूपी बोर्ड के नियम के अनुसार हाईस्कूल के छह में से पांच विषय में पास होने पर छात्र को पास मान लिया जाता है। ऐसे में एक विषय में फेल छात्र चाहें तो अपनी मार्कशीट सुधारने के लिए अंक सुधार या इम्प्रूवमेंट परीक्षा दे सकते हैं। जबकि 762 परीक्षार्थी दो विषय में फेल हैं और कम से कम एक विषय में पास होने के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होना होगा। 2,74,762 (12.36 प्रतिशत) छात्र-छात्राएं तीन या अधिक विषय में फेल हैं और इन्हें बोर्ड ने क्रेडिट सिस्टम के लिए अर्ह माना है। यानि ऐसे छात्र चाहें तो जिस विषय में पास हैं उनके अलावा अन्य विषयों में अगले तीन वर्षों तक परीक्षा दे सकते हैं। यदि कुल पांच विषयों में हो जाते हैं तो उन्हें हाईस्कूल पास की मार्कशीट दे दी जाएगी।

यूपी बोर्ड : हाईस्कूल के 2.79 लाख परीक्षार्थी एक विषय में फेल

2020 की तुलना में इस साल एक विषय में फेल होने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है। 2020 में 3,27,663 (14.19 प्रतिशत) छात्र एक विषय में जबकि 711 दो विषय में फेल थे। 4,21,170 (18.23 प्रतिशत) परीक्षार्थी तीन या अधिक विषय में फेल थे।

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