आज हम बहुआयामी प्रकाशक व समाचार के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विशाल जनपद लखीमपुर खीरी के विधानसभा कस्ता तहसील मितौली के ग्राम पंचायत उसरी-पिपरझला के बारे में बात कर रहे हैं यह ग्राम पंचायत आजादी से पूर्व सन 1800 ईस्वी के तहत अस्तित्व में आया इस ग्राम पंचायत का जिक्र विश्व प्रसिद्ध आल्हा उदन के आल्हा में भी किया गया है यह ग्राम पंचायत लखीमपुर के महान क्रांतिकारी राजा लोने सिंह के आधीन रही है नजदीकी गांव अबगंवा जहां से मितौलगढ़ का सीधे संपर्क क्षेत्रीय लोगों के द्वारा बताया जा रहा है महज 2 किलोमीटर की दूरी पर ही है यहां पर अबगंवा में आज भी अवशेष देखने को मिल जाएंगे वर्तमान समय में कई स्वतंत्रता सेनानी के वंशज अभी भी मौजूद हैं यह गांव सर्वप्रथम पांडे मिश्रा ब्राह्मण समुदाय के द्वारा बसाया गया गांव की भौगोलिक दृष्टि बहुतायत उसर रही शायद इसी कारण इस गांव का नाम उसरी रखा गया होगा ऐतिहासिक दृष्टि से गांव के कई छत्रिय समुदाय के लोग स्वतंत्रता आंदोलन में भाग ले चुके हैं वर्तमान समय में कई क्षत्रिय परिवार गांव में निवास कर रहे हैं यह गांव ब्राह्मण समुदाय से पांडे के अस्तित्व में रहा है वर्तमान समय में अल्प संख्या होते हुए भी अच्छा खासा बोलबाला है।आम बोलचाल में गांव को दामादों के गाव के नाम से भी जाना जाता हैसंपूर्ण ग्राम पंचायत में लगभग 300 चुहले जलाए जा रहे हैं और 1200 लोग निवास कर रहे हैं पूरे ग्राम पंचायत में अभी भी लगभग 5 पांच मकान मुस्लिम समुदाय के मौजूद हैं जिनका अच्छा खासा लिखने योग्य इतिहास भी रहा है अन्य जातियों में अनुसूचित जाति बहुतायत में निवास कर रही है जिसमें अधिकतर कोरी, पासी समाज के लोग निवास कर रहे है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत में पिछड़ा वर्ग ओबीसी रहे हैं जिसमें यादव, नाई, कहार, वर्मा भी निवास कर रहे हैं ग्राम पंचायत में कोरी समाज बहुतायत में हैं जिनका खासतौर से बांध बटने व चारपाई बिनने का व्यापार रहा है पर वर्तमान समय में कुछ साक्षरता के क्षेत्र में भी उन्नति प्राप्त की है जिनमें से 4 लोग सरकारी नौकरी में शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं जिनमें से एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं।तथा एक महिला शिक्षक आंगनबाड़ी के तौर पर कार्यरत हैं तथा एक ने वकालत की पढ़ाई पूर्ण करके वकालत कर रहे हैं इसके अतिरिक्त अनेक प्राइवेट संस्थाओं में कार्यरत हैं यदि बात करें क्षत्रिय ठाकुर समाज की तो इनमें से 1 लोग वकालत की पढ़ाई करके वकालत कर रहे हैं अधिकतर क्षत्रिय समाज कृषि पर निर्भर हैं यदि बात करें यादव समाज की तो इनमें से 2 लोग होमगार्ड की नौकरी कर रहे हैं तथा अधिकतर लोग पशुपालन व दूध के व्यापार मैं लिप्त रहते हैं यदि बात करें वर्मा समाज की तो वह खुद का व्यापार गुण प्लांट व कृषि पर निर्भर हैं यदि बात करें नाई समाज की तो इनमें से 1 एक लोग सहकारी उर्वरक समिति में व 1 एक लोग सरकारी बैंक में लिपिक, सरकारी नौकरी में हैं तथा एक साथी इंटर कॉलेज में लिपिक की नौकरी में कार्यरत हैं व एक साथी सफाई कर्मचारी में तथा अन्य साथी परिवारिक कार्यों बाल काटने व सादी समारोह का व्यापार में व्यस्त रहते है यदि बात करें कहार समाज की तो इनमें से अधिकतर साथी अभी भी मत्स्य पालन व सिंघाड़े ताल से संबंधित व्यापार में लिप्त हैं इस ग्राम पंचायत में अल्प संख्या में पासी समाज के लोग हैं जो कि कृषि पर निर्भर हैं यदि बात करें मुस्लिम समाज की तो इनकी साक्षरता का स्तर अन्य समुदाय से काफी उच्च रहा है इनमें अधिकतर महिलाएं व पुरुष विज्ञान विषय हेतु स्नातक व परास्नातक रही है तथा ये लोग स्वता व्यापार व तकनीकी कार्य करना पसंद करते हैंप्राप्त जानकारी के अनुसार इस समुदाय के द्वारा कृषि, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, व गुड़ प्लांट का व्यापार किया जा रहा है इस समुदाय से एक लोग उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूर्व प्रधान अध्यापक, एक लोग बड़ेबाबू के तौर पर पूर्व कृषि सरकारी कर्मचारी, दो लोग जंगल की पूर्व सरकारी नौकरी के तौर पर कार्यरत रहे हैं व एक लोग सरकारी कर्मचारियों में से नेडा विभाग के पूर्व उच्च अधिकारी रहे हैं जबकि एक लोग पूर्व सीआईडी इंस्पेक्टर सरकारी अफसर के तौर पर कार्यरत रह चुके हैं इसके अतिरिक्त 1 एक लोग वकालत व वाणिज्य की पढ़ाई करके प्राइवेट इनकम टैक्स से संबंधित कार्यरत हैं जबकि चार मुस्लिम महिला सरकारी कर्मचारी एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूर्व प्रधान अध्यापिका के पद पर रही हैं जबकि दूसरी आंगनवाड़ी के तौर पर कार्यरत हैं इसके अतिरिक्त एक महिला पीएचडी की डिग्री पूर्ण करके प्राइवेट उच्च स्तर की संस्था में कार्यरत हैं जबकि दूसरी बायोटेक एमटेक की डिग्री को प्राप्त कर प्राइवेट शिक्षण में व शोध में कार्यरत हैं इस समुदाय से कुछ साथी रसायनिक तकनीकी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई व प्रबंधक मैनेजमेंट एमबीए की पढ़ाई करके विदेश में कार्यरत हैं तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की पढ़ाई करके बी एस सी, एमएससी, एमफिल, प्री पीएचडी,तक का सफर पूरा कर पा रहे हैं व्यक्तिगत वार्ता से जो कि वर्तमान समय में लखनऊ के एरा विश्वविद्यालय के बायो तकनीकी विभाग में नैनोटेक्नोलॉजी में विशेष शोधक के तौर पर कार्य कर रहे हैं व उनके द्वारा अनेक प्रकार की सामाजिक व वैज्ञानिक पुस्तकें भी प्रकाशित की जा चुकी हैं जिनके माध्यम से सर्वप्रथम ग्राम पंचायत में नेहरू युवा केंद्र सेंटर की भी स्थापना की गई है जिनके माध्यम से संपूर्ण भारत में एक एनजीओ बहुआयामी शिक्षा तकनीकी अनुसंधान का निर्माण किया गया तथा बहुआयामी प्रकाशक वर्तमान में बहुआयामी समाचार का भी निर्माण किया गया भविष्य में जल्द ही बहुआयामी राजनीतिक पार्टी का भी गठन किया जा रहा है। इनमें से अधिकतर मुस्लिम गांव छोड़कर शहर में निवास व खुद का व्यापार कर रहे हैं आसपास के क्षेत्रीय गांव में स्वास्थ्य तथा चिकित्सा के क्षेत्र में मुसलमान डॉक्टर का बड़ा योगदान रहा है भौगोलिक दृष्टि से यह गांव कस्ता पिपरझला वाया हरगांव रोड पर स्थित है लगभग 4 किलोमीटर के क्षेत्रफल में गांव का दायरा आंका जा रहा है जिसमें दो तालाब जिसमें से एक तालाब पूजनीय के तौर पर जाना जाता है गांव के पड़ोस से नाला चकरोड व कच्ची रोड तथा वर्तमान में लगभग चार कुंवा बहुतायत में हैं तथा ग्राम में एक सरकारी टेबल का निर्माण हुआ है जिसका लोग उचित प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं ग्राम पंचायत में एक मंदिर तथा अनेक मान्य धार्मिक स्थल जिनमें से बरमबाबा का स्थान भगवती महारानी, का स्थान काफी चर्चित रहा है गांव में कुछ साथी जय गुरुदेव व विश्व हरि के भी समर्थक रहे हैं मनोरंजन की दृष्टि से गांव के अधिकतर साथी टेलीविजन पर रामायण महाभारत, ड्रामा मूवी,नृत्य नौटंकी, हुढ़क, व बच्चों के मुंडन समारोह का धूमधाम से आयोजन करते हैं तथा द दुवारे पर आई बरात में द्वाराचार में नृत्य भांगड़ा करते दिखाई देते हैं जिसमें से हिंदू समुदाय होली के पर्व को 3 दिनों तक घर घर जा कर होली गाकर मनाते हैं गांव के ही पड़ोस में ईंटों का भट्टा तथा रोजमर्रा की जिंदगी के लिए पिपरझला में क्षेत्रीय बाजार सप्ताह में दो बार बुधवार व शनिवार लगाई जाती है जिसमें विभिन्न प्रकार के अनाज साग सब्जी मांस मीट मछली आसानी के साथ उपलब्ध हो जाते हैं आर्थिक स्थिति के अनुसार वर्तमान में गांव की स्थिति काफी हद तक ठीक हो चुकी है 90 प्रतिशत गांव में पक्के मकान बन चुके हैं तथा यदि बात करें राजनीतिक स्तर की तो पुराने लोगों में राजनीति में कोई खास रुचि व योगदान नहीं दिखा पर वर्तमान समय में युवा पीढ़ी काफी सक्रिय है जिसमें से अनुसूचित जाति का एक साथी समाजवादी पार्टी के छात्र संघ का खीरी जिले का अध्यक्ष वह क्षत्रिय समुदाय से एक साथी आम आदमी पार्टी में छात्र संघ का विधानसभा कस्ता अध्यक्ष व मुस्लिम समुदाय से एक लोग आम आदमी पार्टी में जिला महासचिव पर कार्यरत हैं इसके अतिरिक्त ग्रामवासी बहुजन समाज पार्टी के अधिकतर समर्थक रहे हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक कांग्रेस के नेता बंशीधर राज, पूर्व सांसद इलियास आजमी साहब व जितिन प्रसाद, राज्यसभा सांसद जुगल किशोर, का गांव में आवागमन हो चुका है परंतु गांव में कोई खास व उन्नति प्रगति व विकास नहीं दिखाई दिया निराशा के साथ में गांव में कुछ सालों पूर्व एक उर्वरक केंद्र स्थापित किया गया था पड़ोसी गांव के चलते इस उर्वरक केंद्र का स्थानांतरण हो गया था तब से वह आज तक कचरा व कूड़ा घर बनकर रह गया है साक्षरता के क्षेत्र में गांव अभी भी काफी पिछड़ा दिखाई दे रहा है बमुश्किल 20 से 30% ही साक्षरता का प्रतिशत दिखाई दे रहा है जिसमें से अधिकतर पुरुष साथी ताश की गड्डी लकड़ी जुए का खेल खेलना व ड्रिंक सराब पीना, नशा व चिलम लगाना पसंद करते हैं मानसिकता की दृष्टि से पिछड़ी जातियों में महिलाओं में पढ़ाई लिखाई का काफी अभाव देखा गया है जिसके चलते मात्र 12 से 16 वर्ष की ही उम्र में बच्चियों का विवाह बहुतायत में कर दिया जाता है समय-समय पर सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं पर गांव का विशेष ध्यान नहीं जा पा रहा है योगी सरकार के द्वारा गांव में दे शौचालय में भी बकरी पालन व कंडे लकड़ी का रखरखाव किया जा रहा है आज भी सरकार के अनेक प्रयासों के बावजूद ग्राम पंचायत खुली शौच मुक्त नहीं हो पा रहा है तथा ग्राम पंचायत के अंदर ही कूड़ा व घूरा बरसात में पानी की उचित निकासी ना होने के कारण पानी घर में जमा कर के बाद में गंदा पानी छोड़ दिया जाता है। जिसके चलते अनेक बीमारियां शुरू हो जाती हैं और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ना होने के कारण ग्राम वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में कोरोना के दौरान गांव में कुछ मौतें हो गई छोटी-छोटी जगहों पर जानवर बांधने हेतु व कांडा पाथने हेतु खूंटा गाड़ कर आपस में तनाव का माहौल उत्पन्न किया जाता रहा है जिसके चलते आए दिन नजदीकी पुलिस चौकी पिपरझला में फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट FIR देखने को मिल जाती हैं हाल ही में शिक्षा की विशेष मांग करने के बाद में प्राथमिक विद्यालय गांव में बन सका हैजिसमें मात्र कक्षा 5 तक की ही पढ़ाई कराई जा सकती है, अज्ञानता के अभाव में अभी भी अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं पांचवी कक्षा से उच्च कक्षा के छात्रों को दूसरे ग्राम पंचायत में शिक्षा के लिए जाना पड़ता है और हाईस्कूल इंटर जैसी पढ़ाई के लिए लगभग 10 से 15 किलोमीटर का भी सफर करना पड़ जाता है। यदि बात करें उच्च शिक्षा की तो गांव से महज 35 किलोमीटर दूर जिला न्यायालय पर ही सरकारी महाविद्यालय राजा युवराज दत्त जाना पड़ता है जहां पर आज भी यातायात का काफी अभाव रहता हैजबकि ग्रामवासी सरकार की उपलब्धियों पर उंगलियां उठाते रहते हैं तथा गांव के विद्यालय की समिति में भी साक्षरता का अभाव हैसमिति गठन में भी जाति सूचक का आरोप लगा हुआ है जिसके चलते बच्चों में कोई विशेष रूचि नहीं दिखाई देती ग्राम प्रधान पर भी करोड़ों रुपए गमन का आरोप लगाया जा चुका है व अनेक प्रकार के प्रश्न मार्क खड़े हुए हैं जिसका उत्तर देने में निरर्थक साबित हो रहे हैं सुंदरता के क्षेत्र में ग्राम पंचायत में अनेक प्रकार की जातियों व धर्म निवास करने के बावजूद भी अभी तक कभी भी गांव में राजनीतिक दबाव के चलते ग्राम पंचायत तनाव में नहीं आया और ना ही ग्राम पंचायत से अभी तक कोई गुंडा आययास बलात्कारी पैदा हुआ है जिसके चलते ग्राम पंचायत की माता बहने किसी के भी घर में आ जा सकती हैं लेखक की द कलम से शेष लेख गांव की तरक्की व इतिहास के अनुसार जारी रहेगा।
ग्राम पंचायत उसरी-पिपरझला के बारे में क्यों है ग्राम पंचायत खीरी जनपद में अहम जाने ग्राम पंचायत की पहचान
Byadmin_kamish
Nov 12, 2021By admin_kamish
बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष