धर्मेन्द्र कसौधन(राज्य-ब्यूरो):योगी सरकार ने प्रदेश के 14 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पूूूछा है कि वे फील्ड में क्यों नहीं निकल रहे हैं। ये वे बीएसए हैं जिन्होंने स्कूलों और विभाग के अन्य कार्यालयों को चेक करने में दिलचस्पी नहीं ली। यही नहीं उनके जिले की जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय टॉस्क फोर्स भी ज्यादा एक्टिव नहीं है। इन जिलों में जिला स्तरीय और ब्लॉक स्तरीय टॉस्क फोर्स के निरीक्षण 10 फीसदी से भी कम हैं।महानिदेशक, बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद ने इन बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
‘ऐसे बेसिक शिक्षा अधिकारी जिन्होंने निरीक्षण में कोताही बरती थी। जबकि बीएसए के लिए प्रति माह 20 स्कूलों के निरीक्षण का लक्ष्य है।
इन जिलों के बी एस ए ने नही किया था एक भी निरीक्षण
औरैया, अलीगढ़, बाराबंकी, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, कानपुर देहात, कुशीनगर, महाराजगंज, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव, सीतापुर व श्रावस्ती के बीएसए ने एक भी निरीक्षण नहीं किया था।
जारी किया गया”कारण बताओ नोटिस”
महानिदेशक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश विजय किरन आनंद ने कहा है कि शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे कार्यशैली व कर्तव्यों के प्रति उदासीनता मानते हुए स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं। इन बीएसए को बताना होगा कि किन कारणों से निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं की जा सकी। उचित कारण न बताए जाने पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।