बरेली मण्डल ब्यूरो/उत्तर प्रदेश : माहेश्वरी साहित्यकार मंच के फेसबुक पेज पर बढ़ते संबंध विच्छेद-कारण और निवारण विषय पर आयोजित विचार प्रतियोगिता के प्रतिभागी सम्मानित हुए । गत दिवस 14/4/23 को माहेश्वरी साहित्यकार मंच के फेसबुक पेज पर बढ़ते संबंध विच्छेद-कारण और निवारण विषय पर विचार प्रतियोगिता का आयोजन संस्थापक श्री श्याम सुंदर माहेश्वरी, सतीश लखोटिया, कलावती करवा, स्वाति जैसलमेरिया एवं मधु भूतड़ा अक्षरा गुलाबी नगरी के सुंदर संयोजन में किया गया था । जिसमें देश व विदेश से 100 से भी अधिक माहेश्वरी साहित्यकारों ने जुड़ते हुए अपने विचार लोगों के मध्य प्रस्तुत किए थे गत दिवस इसका निर्णय निर्णायक मंडल के द्वारा लोगों तक प्रेषित कर दिया गया। निर्णायक मंडल में प्रभा मेहता (नागपुर), प्रभाकर जी पुरोहित (जोधपुर),किशन लाल जी जांगिड़ (जोधपुर) आदि ने सटीक निर्णय दिया। सम्मान समारोह के द्वारा सम्मान पत्र प्रदान किए गये । सम्मान समारोह में विनीता जी मालू ‘निर्झर’, अजमेर , डॉ शुभ्रा माहेश्वरी बदायूं,श्याम सुंदर माहेश्वरी ‘जेठा’, जबलपुर,नीलम सोमानी मोहोपाडा आदि की सहभागिता रही ।

विजेता सूची में अपना नाम दर्ज कराने वालों में सोनाली काला पुणे – प्रथम, निरु लाखाेटिया विजयवाड़ा – द्वितीय, सुनीता माहेश्वरी ‘नाशिक – तृतीय,सुनीता जैथलिया – जयपुर – चतुर्थ,सत्यनारायण शारदा -पंचम ,विनीता काबरा – जयपुर – पंचम (Tie हुआ)। सांत्वना पुरस्कार – राजश्री राठी अकोला ,अयोध्या चौधरी आलीराजपुर, संगीता दरक मनासा,ज्योत्सना माहेश्वरी मेरठ, रेखा लखोटिया नागपुर रहे।
कार्यक्रम में अतिथि की भूमिका रही -कमल भूतड़ा, ऑस्ट्रेलिया ,रमेश पेड़ीवाल, गंगटोक सिक्किम, डॉ अशोक सोडाणी भीलवाड़ा राजस्थान, किरण मूँदड़ा,नागपुर महाराष्ट्र। विशेष उत्साहवर्धक में लखन लाल माहेश्वरी – पूर्व व्याख्याता, अजमेर ने विजेताओं को नकद राशि पुरस्कार1100/-प्रथम
700/-द्वितीय ,500/-तृतीय पुरस्कार की घोषणा की एवं राकेश भैया( मानद सम्पादक – माहेश्वरी पत्रिका ,नागपुर (मुखपत्र अखिल भारतवर्षीय महासभा) प्रथम तीन विजेताओं के आलेख प्रकाशित करने की बात कही। संस्थापक मंडल ने सम्पूर्ण प्रतियोगिता के निचोड़ निकालते हुए सामाजिक चिंतन कड़ी एक में डॉ राधेश्याम लाहोटी ने विचार रखते हुए कहा -‘ ईश्वर द्वारा बनाए रिश्ते को ईमानदारी से सहेजना ही दरार रोकता है। ‘मधु भूतड़ा ‘अक्षरा’ गुलाबी नगरी जयपुर ने कहा -‘ जो डाली जितनी विनम्र होती है उतनी ही तूफानों में सुरक्षित खड़ी होती है। इसलिए जरूरी है एक दूसरे के भावों का सम्मान करें।

‘स्वाति जैसलमेरिया ने कहा -‘जिस घर में पति पत्नी क्लेश में जीते हैं,उनके बच्चे मानसिक रूप से कमजोर होते हैं।’ डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने कहा -‘ दही में बार बार उंगली करने पर दही जमता नहीं वैसे ही बेटी के घर में बार बार हस्तक्षेप करने से गृहस्थी नहीं जमने देता।’ सतीश लाखाेटिया ने इसे युवा पीढ़ी से साँझा करने का सुझाव दिया। सरस्वती बिड़ला ने कहा -‘विवाह एक अभिलाषा है सांवर गए तो दुल्हन है बिगड़ गई तो तमाशा है।’ चेतना जागेटिया ने कहा कि ‘ईश्वर ने नारी को शीतल बनाया है और पुरुष को उष्ण और उष्णता को शीतलता ही संयोजित कर सकती है’ सरोज गट्टानी ने कहा’ विवाह सम्बंध शर्तों पर नहीं, सामंजस्य और समर्पण पर टिकते हैं’ आलोक मोहता ने कहा ‘ वैवाहिक गठबंधन टूटने का कारण किसी एक पर नहीं डाला जा सकता’ कविता डारिया लिखती हैं ‘धन से अधिक हमारे बच्चों को अच्छे संस्कारों की जरूरत है और सबसे जरूरी है अहं की लड़ाई को टालना’ एक से बढ़कर एक संदेश ने मंच के द्वारा इस परिचर्चा और प्रतियोगिता को नया आयाम दिया और समाज में चिंतन व जागरूकता के प्रति एक नया अध्याय जोड़ दिया। इस प्रकार सामाजिक चिंतन कड़ी एक में सम्मान पत्र पर इन लोगों के कथन अंकित कर विचारों को विशिष्ट स्थान दिया गया जिससे उन सभी संदेशों को सभी फारवर्ड करके समाज में जुड़ीं समस्याओ का निवारण कर सकें, समाज बंधुओं को रिश्तों को समझने की प्रेरणा मिले और ये सशक्त विचार प्रतियोगिता कामयाबी की ओर अपने कदम रख सके।कुल मिलाकर माहेश्वरी साहित्यकार मंच द्वारा आयोजित सामाजिक चिंतन का यह सफ़ल कार्यक्रम रहा, जिसकी सराहना पूरे विश्व भर में हुई और अन्य समाज ने भी प्रशंसा के पुल बाँध दिए।

✒️ Alok Malpani Editor in chief. (MD News Bareilly Zone)

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