बहुआयामी ब्यूरो/नई दिल्ली:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)ने उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए दिशा निर्देश बनाए हैं साथ ही 14 नवंबर तक सुझाव भी मांगे हैं।

यूजीसी के सचिव प्रो. राजनीश जैन द्वारा जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के समय पुस्तिका दी जाए जिसमें व्यवहार और आचरण को लेकर नियम और जानकारी लिखी हो। इसके साथ ही छात्रों की मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए परिसर में काउंसलिंग सेवा भी होनी चाहिए।

नई गाइडलाइंस में क्या है खास?

🔵हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के कैंपस सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह सुसज्जित होने चाहिए।
🔵महिलाओं के लिए स्वच्छता एवं साफ सफाई सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना चाहिए।
🔵रेस्ट रूम, 24 घंटे पानी की सप्लाई, साबुन, ढके हुए कूड़ेदान, सैनिटरी वेंडिंग मशीन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।
🔵छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित परिवहन, कॉलेज आने जाने वाले रास्तों पर लाइट्स की उचित व्यवस्था एवं फीडर बसों की सुविधा होनी चाहिए।
🔵विश्वसनीय सुरक्षा फर्म से पर्याप्त संख्या में महिला सुरक्षा गार्डो को रखा जाना चाहिए।
🔵स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए कैंपस के चारों ओर चारदीवारी की व्यवस्था महत्वपूर्ण होती है और इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
🔵एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के कैंपस में सड़कों, लाइब्रेरी, कॉरिडोर, खेल के मैदान, पार्क, लैब्स, पार्किंग क्षेत्रों आदि में सीसीटीवी कैमरा का उचित प्रबंध होना चाहिए और यह केंद्रीयकृत निगरानी व्यवस्था से जुड़ा होना चाहिए।
गाइडलाइंस की अन्य बातें

गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक कॉलेज/यूनिवर्सिटी/एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में आंतरिक शिकायत समिति गठित की जानी चाहिए। यह समिति शिकायत निस्तारण एवं रोकथाम के लिए काम करेगी और छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों से जुड़ी यौन उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर विचार करेगी। इसमें कहा गया है कि, यूनिवर्सिटीज को कैंपस में यौन उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर बल दिया जाना चाहिए।यूजीजी का साफ कहना है कि महिला कर्मियों या फिर युवतियों को सही माहौल देने के लिए आंतरिक शिकायत समिति गठित की जानी चाहिए । यह समिति शिकायत निस्तारण एवं रोकथाम के लिये काम करेगी और छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों से जुड़ी यौन उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर विचार करेगी।

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