बाराबंकी : क़ौमी एकता एवं हिन्दू-मुस्लिम भाई-चारे का पैग़ाम देने वाले महान बुज़ुर्ग हज़रत मखदूम हिसामुद्दीन रहo ने बगैर किसी भेदभाव के हर इन्सान को गले लगाया और अपना सारा जीवन मानव सेवा में लगा दिया एवं सभी को अमन-शान्ति और प्रेम का सन्देश दिया। उक्त विचार पूर्व चेयरमैन एवं समाजसेवी मोहम्मद मशकूर ने दरगाह हज़रत मखदूम हिसामुद्दीन रह0 के उर्स व कुल के मौके पर लगने वाले मेला के उदघाटन के समय व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग धर्मों के मानने वाले लोग भी इन्सानियत के रिश्ते से एक दूसरे के भाई हैं।

सज्जादह नशीन काशिफ़ ज़िया, योगेंद्र सिंह बल्लू एडवोकेट, राजकुमार वाल्मीकि, मोहम्मद हारिस, तालिब ज़िया, मोहम्मद फ़ारूक़ आदि लोगों ने मज़ार पे चादर चढ़ाकर बुज़ुर्ग हज़रत मखदूम हिसामुद्दीन रह0 को खिराजे-अक़ीदत पेश की। इसके बाद बुज़ुर्ग हज़रत मखदूम हिसामुद्दीन रह0 एवं मरहूम सज्जादानशीन हकीम अब्दुल गनी उर्फ बन्ने मियाँ का कुल शरीफ किया गया, जिसमें कसीर तादाद में लोगों ने शिरकत की।

इस मौके पर मास्टर इब्राहीम, मोहम्मद आक़िल, राहत अली, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद नसीम अंसारी सदर जमात रज़ाए-मुस्तफा, हाजी शौकत अली, मोहम्मद इल्यास, सलमान फतेहपुरी, हस्सान साहिर, मेराज अहमद सहित भारी संख्या में जायरीन उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: बाराबंकी ब्यूरो चीफ इन्द्र जीत सिंह वर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *