बदायूं/उत्तर प्रदेश : जिलाधिकारी मनोज कुमार एवम पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में शहर बदायूं के विभिन्न क्षेत्रों में बालश्रम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। अभियान में लाबेला चौक,गांधी ग्राउंड,गद्दी चौक, रजी चौक, नई सराय,बरेली रोड, दातागंज तिराहा,इन्दिरा चौक के निकट आदि जगहों पर स्थित ढाबों, कैंटीन, ऑटो गैराज, मैकेनिक शॉप आदि पर छापे मारे गए।
कुल 4 बाल श्रमिकों को चिन्हित किया गया तथा बच्चों से काम लेने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध निरीक्षण टिप्पणी जारी कर आवश्यक कार्यवाही की गई।

श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री सतेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि खतरनाक प्रक्रिया के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध एक वर्ष तक की सजा या 50000/ रूपए तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त सेवायोजक से प्रति बाल श्रमिक 20000/ रूपये की वसूली चाइल्ड लेबर वेलफेयर फंड हेतु प्रथक से की जायेगी तथा यदि कोई माता पिता भी अपने बच्चों को व्यवसायिक कार्य में संलग्न करेगा तो उनके विरूद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही अपनाई जायेगी।
माननीय मंत्री श्रम एवम सेवायोजन श्री अनिल राजभर जी ने उत्तर प्रदेश को 5 वर्ष के अंदर बाल श्रम से मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं इसी के अंतर्गत यह छापामार कार्यवाही नियमित रूप से जारी रहेगी।

अतः सभी जनपद वासियों , दुकानदारों एवम व्यवसायियों से अनुरोध है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों वा किशोरों को काम पर न लगाए अपितु उन्हे स्कूल भेजने में उनकी मदद करें जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
कम उम्र के बच्चों से कार्य कराना कानूनी अपराध होने के साथ ही साथ बच्चों के शारीरिक वा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है, अतः आप सभी स्वस्थ समाज के निर्माण में सरकार का सहयोग करें। अभियान में विचित्र सक्सेना वरिष्ठ सहायक, नया सवेरा योजना से टी आर पी जीशान अंसारी, ए एच टी यू प्रभारी एवम निरीक्षक वीरपाल सिंह तोमर, चाइल्डलाइन कोऑर्डिनेटर कमल शर्मा, कांस्टेबल राम बाबू नागर, टीम सदस्य मुंताजिम व श्रम विभाग से नरेश राना आदि मौजूद रहे।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)

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