बदायूँ/उत्तर प्रदेश : विकासखण्ड जगत में संस्थागत प्रसव कम होने पर डीएम ने निर्देश दिए कि इसको बढ़ाया जाए। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थी को दी जाने वाली धनराशि की स्थिति विकासखण्ड वजीरगंज में खराब मिली, इस पर डीएम ने निर्देश दिए कि कार्य प्रणाली में सुधार लाते हुए लाभार्थियों का भुगतान समय से किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, टीकाकरण आवश्यक दवाएं एवं जांचे समय से होती रहें।
सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी मनोज कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों तथा चिकित्सकों व सम्बंधित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की। डीएम ने निर्देश दिए कि कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, जनपद की सीमा पर शिविर लगाकर बाहर से आने वाले शतप्रतिशत लोगों की जांच की जाए।
सभी चिकित्सालयों में आवश्यक दवाएं, बेड एवं उपकरण मौजूद रहें, कोरोना से निपटने के लिए संसाधनों को दुरुस्त कर लें। इसके प्रति जागरुकता के लिए शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर समस्त जागरुकता टीमें सक्रिय की जाएं।
राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत डीएम ने जिला क्षय रोग अधिकारी को 10 जनवरी तक जिला स्तरीय अधिकारियों एवं संगठनों के पदाधिकारियों को समस्त टीबी के मरीज गोद दिए जाना सुनिश्चित करें। आईसीडीएस के अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए गांवों की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएं। डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए कि सभी एमओआईसी को बिन्दुवार कमियों से पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाए और एमओआईसी के द्वारा किए गए कार्यों की गहनता से मॉनिटिं्रग की जाए। कार्य में लापरवाही करने वालों पर कार्यवाही व अच्छा कार्य करने वालों को सम्मनित भी किया जाए। योजनाओं का लाभ नियमानुसार लोगों तक पहुंचाया जाए। जिनको जो भी दायित्व सौंपे गए हैं, उसे पूरी लगन से करें, दूसरों पर टालना छोड़ दें। अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर बेहतर कार्य करें। पूरी टीम मेहनत से कार्य करते हुए स्वास्य सेवाएं पहले से ज्यादा बेहतर की जाएं। कार्य में कहीं शिथिलता न अपनाई जाए।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)