फतेहपुर जनपद में बीते दिनों से यमुना तलहटी पर मौरंग खनन के माफियाओ द्वारा भारी भरकम मशीनों से मोरंग निकालकर यमुना जल धारा को गहराइयों पर पहुंचा कर धारा मोड़ने का भी काम करने के साथ-साथ भारी वाहनों में मौरंग ओवरलोडिंग कर मुख्य मार्गों से धड़ल्ले से गुजर रहे हैं जिसके चलते मार्ग ध्वस्त होने के साथ-साथ हो रहे अवैध खनन से राजस्व का भारी नुकसान भी सरकार को झेलना पड़ रहा है। किंतु वही जिम्मेवार खनन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मीडिया में खनन से संबंधित खबरों को सुर्खियों में आने के बाद सिर्फ खानापूर्ति कार्रवाई किए जाने के कारण खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशो के बाद भी जनपद में माफियाओं द्वारा जनपद से गुजरी यमुना नदी की तलहटी से विभिन्न स्थानों के द्वारा मोरंग घाटों में अवैध खनन हो रहा है। वहीं योगी सरकार ने निर्देश भी दिए थे कि सड़को पर मोरंग व गिट्टी से भरे ओवरलोड वाहन रेंगते नजर आए तो संबंधित अधिकारी खनन कार्यवाही करेंगे, न होने की स्थित पर माफियाओ व क्षेत्रीय अधिकारियों सहित ऐसे ओवरलोड वाहनों पर कानूनी कार्यवाही करने का काम करेंगे। फतेहपुर की तेजतर्रार जिला अधिकारी ने सीएम के निर्देशों का अनु पालन करते हुए खनन अधिकारी व परिवहन प्रवर्तन अधिकारी सहित उप जिलाधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि संचालित हो रहे मोरंग घाटों पर किसी भी प्रकार से अवैध खनन किया गया तथा वाहनों में मानक के विपरीत मोरंग की ओवरलोडिंग की गई तो उपरोक्त तीनों अधिकारी मोरंग घाटो के संचालकों के साथ ही साथ ओवरलोड वाहनों पर भी कठोर कार्यवाही करने का काम करेंगे। किंतु उपरोक्त अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक के निर्देशों की यथा स्थिति में खुलेआम धज्जियां उड़ती दिख रही हैं। वहीं सूत्रों की माने तो असोथर क्षेत्र के कौहन घाट में कालिंद्री नदी का सीना चीरते हुए मानक से अधिक गहराई तक बड़ी-बड़ी पोकलैंड मशीनों से मानक विहीन तरीके से खनन माफियाओं द्वारा मोरंग का खनन कर प्रकृति के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है जबकि इलाहाबाद (प्रयागराज) हाई कोर्ट ने मानक विहीन तरीके से खनन करने पर रोक लगा रखी है, उसके बावजूद भी जनपद के खनन माफिया सरकार व न्यायालय के खौफ से बेखौफ होकर अवैध खनन कर खुलेआम अपनी मनमानी कर रहे हैं, और करें भी क्यों ना? सूत्रों का कथन है कि जब संबंधित अधिकारियों का रहमों करम है तो मोरंग का अवैध खनन व वाहनों में मोरंग की ओवरलोडिंग क्यों न हो? गौरतलब है कि क्षेत्रीय जनता का भी कहना है कि हर रोज मोरंग खदान से ओवरलोड गाड़ियां के निकलने के बाद खदान के समीप ₹100 से लेकर ₹500 तक की पर्चियां भी काटी जाती है तथा रात्रि 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक मोरंग के सैकड़ों ओवरलोड वाहन असोथर से थरियांव मार्ग होकर निकलते हैं। इसके अलावा दिन में भी मौरंग के कई ओवरलोड वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं इतना ही नही ओवर लोड वाहनों के कारण आवागमन कर रहे राहगीरों के लिए खतरा बने रहने के साथ-साथ सड़कें भी ध्वस्त हो रही हैं और इस बात की जानकारी संबंधित अधिकारियों को भी भलीभांति है किंतु उनके विरुद्ध कार्यवाही होना शिथिल है। इससे तो साफ जाहिर होता है कि संबंधित अधिकारियों के रहमो करम पर ही खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन तथा ओवरलोडिंग का जबरदस्त खेल हो रहा है। जिसके कारण क्षेत्रीय जनता भी आक्रोशित है तथा चर्चा यह भी है कि क्षेत्र की अक्रोशित जनता अब रात्रि के समय सड़क में जाम कर मोरंग के ओवरलोड वाहनों का घेराव भी कर सकती है। वहीं सूत्रों की माने तो जिला अधिकारी को इस बात की जानकारी हो चुकी है और वह मोरम घाटों के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों पर भी अपनी पैनी निगाह टिका ली है इतना ही नहीं जिला अधिकारी द्वारा अब मोरंग घाटों के संचालकों के अलावा ओवरलोड वाहनों पर भी शीघ्र ही कोई बड़ी कार्यवाही कर सकती हैं। लिहाजा अब तो जब कार्यवाही होगी तभी मालूम हो सकता है कि जिलाधिकारी ने अब हंटर उठा लिया है।