मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी पटेल “दाजी” करेगें “सहज मार्ग जंक्शन” का वर्चुअली लोकार्पण

शाहजहांपुर/उत्तर प्रदेश : गणतंत्र दिवस पर जब देश में जश्न का माहौल होगा देशभक्ति ज्वार उफान पर होगा यह दिन श्री रामचंद्र मिशन के अनुयायिओं के लिए भी अविस्मरणीय होगा, कारण है कि इस दिन श्री रामचंद्र मिशन के संस्थापक महात्मा रामचंद्र जी महाराज (बाबूजी) की शाहजहांपुर में स्थापित विश्व में पहली सार्वजनिक प्रतिमा का अनावरण श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी. पटेल ” दाजी “द्वारा वर्चुअल रुप से किया जाएगा। शहर के अजीजगंज में ’सहजमार्ग’ जंक्शन के रूप में विकसित किये गये पार्क में स्थापित महात्मा श्री राम चन्द्र जी महाराज की प्रतिमा के बारे में जानकारी देते हुए प्रशिक्षक माधोगोपाल अग्रवाल ने बताया कि बाबू जी महाराज की प्रतिमा का निर्माण जयपुर में वियतनाम से मंगाये गये पत्थर से किया गया है। यह प्रतिमा 8 फुट ऊंची और करीब 5 फुट चौड़ी है। उन्होंने बताया कि ’सहजमार्ग’ जंक्शन में श्रीराम चन्द्र मिशन और हार्टफुलनेस से जुड़ी सभी जानकारियां भी उपलब्ध कराये जाने का प्रयास है।

महात्मा श्री रामचन्द्र जी महाराज की यह प्रतिमा सार्वजनिक रूप से विश्व में लगने वाली पहली प्रतिमा है। बता दें कि श्री राम चन्द्र मिशन के संस्थापक महात्मा रामचंद्र जी महाराज (बाबूजी ) का जन्म 30अप्रैल 1899 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। उनके पिता एक वकील और प्रसिद्ध विद्वान थे जिन्होंने रामचंद्र को अंग्रेजी, उर्दू और फारसी में बड़े पैमाने पर शिक्षित किया था। उन्होंने शाहजहांपुर जिला अदालत में तीस साल से अधिक समय तक नौकरी की। उनकी शादी 19वर्ष की उम्र में भगवती देवी से हुई थी। बाबूजी के दो बेटियों और चार बेटे थे। बाबूजी का जीवन एक साधारण गृहस्थ का था। उन्होंने घर और परिवार को आध्यात्मिकता के लिए बेहतरीन प्रशिक्षण मैदान माना। उन्होंने अपनी आध्यात्मिक शिक्षा अपने आप पर शुरू की। 1922 के जून में बीस वर्ष की उम्र में, वह अपने आध्यात्मिक गुरु फतेहगढ़ निवासी महात्मा रामचंद्र जी महाराज (लालाजी) से मिले। लालाजी की आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाना बाबूजी के जीवन का एकमात्र लक्ष्य बन गया।

1945 में, बाबूजी ने अपने गुरु के सम्मान में शाहजहांपुर में श्री राम चन्द्र मिशन की स्थापना की। 1972 में उन्होंने भारत के बाहर के देशों को सहज मार्ग साधना पद्धति का प्रचार शुरू कर दिया। बाबूजी ने अपने जीवन को मानवता के आध्यात्मिक उत्थान के लिए समर्पित किया। आज “सहज मार्ग’ साधना पद्धति विश्व में एक आध्यात्मिक आंदोलन बन चुका है, बाबूजी 19 अप्रैल 1983 में 83 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गए ।वर्तमान में श्री राम चन्द्र मिशन के अध्यक्ष पूज्य श्री कमलेश डी पटेल (दाजी) ’हार्टफुलनेस मेडीटेशन’ के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के दिल को सहज मार्ग साधना पद्धति के प्रकाश से देदीप्यमान करने का कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में मिशन विश्व के 165 देशों में संचालित हो रहा है, अनावरण समारोह को पूरे विश्व में प्रसारित किया जाएगा ।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)

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