लखनऊ। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार मुख्यमंत्री प्रशिक्षु योजना के तहत साढ़े सात लाख स्नातक उत्तीर्ण युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की योजना बना रही है। इसके तहत सरकारी व निजी क्षेत्र के संस्थानों में एक वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षु को आठ से नौ हजार रुपये भत्ता भी दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के लिए काम शुरू हो गया है।प्रदेश सरकार की यह योजना परवान चढ़ी तो लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगार युवाओं के लिए यह बड़ा तोहफा होगा। योजना के तहत प्रत्येक जिले से दस-दस हजार स्नातक उत्तीर्ण युवा चुने जाएंगे। ये युवा मुख्य रूप से बीए, बीएससी, बीकॉम व समकक्ष स्नातक स्तरीय डिग्री, डिप्लोमा धारक होंगे। क्योंकि प्राविधिक शिक्षा के अंतर्गत इंजीनियरिंग डिग्री व डिप्लोमा धारक विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था पहले से है। इसी क्रम में अब सामान्य उच्च डिग्री धारक को इसका फायदा दिए जाने की योजना है। ऐसे अमल में लाएंगे केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से संचालित राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत पिछले वर्ष तक सिर्फ तकनीकी डिग्री, डिप्लोमा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए भत्ता देने की व्यवस्था थी। इस वर्ष से केंद्र ने इस योजना में सामान्य ग्रेजुएट्स को भी प्रशिक्षण का मौका और भत्ते के लिए अनुदान देने की व्यवस्था की है। इसी क्रम में यूपी में मुख्यमंत्री प्रशिक्षु योजना शुरू करने की योजना है। इसमें जिन साढ़े सात लाख युवाओं को चुना जाएगा, उनमें करीब चार लाख को सरकारी विभागों में प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है। साढ़े तीन लाख युवाओं को निजी क्षेत्र दक्ष किया जाना है।

रिपोर्ट पुनीत शुक्ला

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