बजट 2023 के वो 13 ऐलान जो बीजेपी के लिए 2024 में बन सकते हैं सत्ता की सीढ़ी

मोदी सरकार ने अपने कोर वोटबैंक बने महिला, लाभार्थी, किसान और मिडिल क्लास पर फोकस रखते हुए बजट तैयार किया है.मोदी सरकार का बजट पूरी तरह से चुनावी बजट नजर आ रहा है, जिसके जरिए समाज के सभी वर्ग को साधने की कवायद की गई है.

दरअसल, किसान, ग्रामीण, नौजवान, गरीब, महिलाएं, बुजुर्ग, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, सरकारी कर्मचारी, छोटे-बड़े व्यापारी, बड़े-छोटे उद्योगपति. ऐसे कई वर्ग हैं जिन्हें वोटबैंक की तरह देखा जाता है. स्वाभाविक रूप से चुनाव से पहले मोदी सरकार ने इन सभी वर्ग को आम बजट के लिए जरिए खुश करने की कवायद की है ताकि सत्ता की हैट्रिक लगा सके. इतना ही नहीं 2023 में होने वाले 9 राज्यों की चुनावी जंग को पार्टी फतह कर सके?

लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक साल का वक्त बाकी है जबकि 9 राज्यों खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और कर्नाटक में इसी साल चुनाव है. ये विधानसभा चुनाव साल 2024 के लिए सेमीफाइनल से कम नहीं है. ऐसे में यह बजट चुनावी बजट माना जा रहा है, जो बीजेपी के वोट बैंकों के लिए तोहफे से भरा हुआ है. मोदी सरकार ने गरीबों को पांच किलो फ्री राशन को एक साल तक के लिए बढ़ाकर बड़ा दांव चला है, जो लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा. इतना ही नहीं किसानों के लिए सौगात दी है तो मिडिल क्लास को नए टैक्स स्लैब में छूट दी गई है.

  1. गरीबों पर मेहरबान

मोदी सरकार ने गरीब वर्ग के लिए अपने खजाने की तिजोरी खोल दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई टैक्स रिजीम में टैक्स छूट की 5 लाख की सालान आय की सीमा बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है. अब साल में 7 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा. मान लीजिए आपकी आय नौ लाख रुपये है। ऐसे में आपको कुल 45 हजार रुपये टैक्स देना पड़ेगा. इसके अलावा जेल में बंद गरीब कैदी जो पैसों की तंगी के चलते अपनी बेल नहीं ले पाते हैं, उनका खर्च सरकार उठाएगी. ऐसे करीब दो लाख कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन रिहाई के लिए तय की गई रकम न होने से वह जेल में ही बंद रहते हैं. अब ऐसे गरीबों की मदद के लिए सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया है. इस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार ने गरीब मतदाताओं को साधने का बड़ा दांव चला है.

  1. सस्ता घर

केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने पीएम आवास योजना के लिए खजाना खोल दिया है. गरीबों के पास भी अपना घर हो, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पीएम आवास योजना को लेकर बजट में बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाके में आवास बनाने के लिए सरकार ढाई लाख रुपये की मदद देती है. पीएम आवास योजना बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुआ है, जिसके कई चुनाव में लाभ मिला है. पीआईबी की एक अधिसूचना के अनुसार, तीन जनवरी, 2022 तक कुल 1.14 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 53.42 लाख घरों का निर्माण और वितरण किया जा चुका है. अधिसूचना में कहा गया है कि नई तकनीकों का उपयोग करके 16 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा.

  1. मुफ्त राशन

सरकार ने सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को अगले साल 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का एलान किया है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) एक साल के लिए आगे बढ़ाई जा रही पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसके जरिए 80 करोड़ गरीब लोगों को पांच किलो फ्री राशन दिया जाएगा. देश में किसी को भी भूखा न सोना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी. बीजेपी को इसका लाभ बिहार से लेकर यूपी तक के चुनाव में मिल चुका है. ऐसे में अब 2024 के चुनाव के मद्देनजर एक साल तक के लिए बढ़ा दिया है.

  1. आधी आबादी पर नजर

मोदी सरकार के आने के बाद बीजेपी ने महिलाओं को अपना नया वोटबैंक बनाया है, जिसके दम पर लगातार जीत दर्ज कर रही है. ऐसे में महिलाओं को साधे रखने के लिए मोदी सरकार ने आम बजट में कई सौगात दी है. अमृत काल में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो साल के लिए इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है. मार्च 2025 तक महिलाएं 2 लाख रुपये तक महिला सम्मान बचत पत्र खरीद सकती हैं. इस पर 7.5 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज दिया जाएगा. जरूरत पड़ने पर इस पैसे की आंशिक निकासी भी की जा सकेगी.

  1. गांव और किसान से आस

मोदी सरकार ने गांव और किसानों के लिए कई बड़े एलान किए हैं. सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है तो मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्राथमिकता के तहत कृषि के लिए डिजिटल लोक अधोसंरचना का निर्माण होगा. किसानों को खेती की योजना बनाने, बीमा, कर्ज, मार्केट इंटेलिजेंस और कृषि आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. उत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी. किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ेगा. इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके. सरकार ने बजट में मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है. उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है.

  1. नजर नए वोटों पर

वित्त मंत्री ने बार बजट के मुख्य सात लक्ष्य हैं जिन्हें सप्तर्षि कहा गया है- इसमें समावेशी विकास और युवा शक्ति को रखा गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारा लक्ष्य सबका साथ सबका विश्वास जीतने का है. मोदी सरकार ने बजट के लिए नए वोटर्स को साधने की कवायद की है, जिसके लिए स्टार्टअप खोलने से लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि कौशल विकास योजना 4.0 की शुरूआत की जाएगी. युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे. इसके अलावा छात्रों के लिए तमाम घोषणाएं की है.

  1. इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़, रोजगार के अवसर

सरकार ने बजट में बुनियादी ढांचे और नए अवसरों पर फोकस किया है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश पर सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये खर्च करने ऐलान किया है, जो सकल घरेली का 3.3 फीसगी होगा. 50 एयरपोर्ट्स, हेलिपोर्ट्स, वॉटर एयरोड्रॉम्स और एडवांस्ड लैंडिंग जोन्स का कायाकल्प किया जाएगा. निजी स्रोतों से 15,000 करोड़ रुपये सहित कुल 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्टील, बंदरगाहों, उर्वरक, कोयला, खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए 100 महत्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान की गई है. इस तरह से सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए रोजगार सृजन की दिशा में सरकार ने कदम उठा रही है, क्योंकि सरकार नौकरी देने के लिए लगातार सक्रिय है. उन्होंने कहा कि ‘हमारा आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोज़गार सृजन को तेज़ गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित है.

  1. आदिवासी और दलितों पर दांव

2024 के लोकसभा और मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने आदिवासी समुदाय पर खास फोकस बजट में किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू करने की बात बजट में कही है ताकि बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सके. अगले तीन साल में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा शहरों में सफाई कर्मियों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है. नाले व सीवर की मैनहोल की सफाई अब मशीनों के द्वारा की जाएगी, जिसके चलते अब सफाईकर्मी को मेनहोल में नहीं उतरना होगा. इसके अलावा आदिवासी इलाके में मौजूद एकलव्य विद्यालयों में 38000 शिक्षकों और सहायक स्टाफ की भर्ती भी जाएगी.

  1. स्वास्थ्य पर संवेदनशील

मोदी सरकार ने देश को एनीमिया मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ नए नर्सिंग कॉलेज और अनुसंधान केंद्रों को लेकर घोषणा की गई. वित्त मंत्री ने बजट में ऐलान किया कि मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे. साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन स्थापित किया जाएगा. फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान के लिए नए कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे. अनुसंधान में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. सार्वजनिक और निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा अनुसंधान के लिए आईसीएमआर की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

  1. शिक्षा में निवेश

मोदी सरकार ने शिक्षा में निवेश करने का फैसला किया है. नए नर्सिंग कॉलेज से लेकर आदिवासी इलाके में एकलव्य स्कूल खोलने का तक का फैसला किया है. इसके अलावा ग्रामीण इलाके में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की भी घोषणा की है. मेडिकल एजुकेशन में मल्टी-डिसिप्लीनरी स्टडी के लिए मैटेरियल की व्यवस्था की जाएगी. टीचर ट्रेनिंग के लिए अगले साल तक आधुनिक टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर भी खोले जाएंगे. देश के टॉप शिक्षा संस्थानों में 3 ‘एक्सीलेंस फॉर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस’ सेंटर्स खोले जाएंगे. इसमें प्राइवेट प्लेयर्स की रिसर्च एवं डेवेलपमेंट के लिए भागीदारी कराई जाएगी.

  1. छोटे व्यापारी से उद्योगपति तक पर नजर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के जरिए छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक को साधने की कवायद की है. वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी. संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी. इस तरह से सरकार ने छोटे व्यापारियों को राहत देने का दांव चला है. बड़े कारोबारियों को भी राहत दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया. इस तरह छोटे कारोबारी के साथ-साथ बड़े कारपोरेट को खुश करने की कवायद की गई है, लेकिन छोटे कारोबारियों ने जरूर टैक्स स्लैब में छूट न देने की दुख जाहिर कर रहे हैं.

  1. बुजुर्ग और नौकरी-पेशा

मोदी सरकार ने बुजुर्ग और नौकरी-पेशा वर्ग को आम बजट के जरिए राहत देने की कोशिश की है. सरकार ने वरिष्ठ नागरिक खाता योजना की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख कर दी है. यानी, सीनियर सिटिजन इस स्कीम में अधिकतम 4.5 लाख की जगह 9 लाख रुपये तक जमा करवा सकेंगे जबकि संयुक्त खाते में अधिकतम जमा रकम की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है. वहीं, नौकरी-पेशा लोगों के नए टैक्स स्लैब में 7 लाख तक की छूट दी गई और सालाना 9 लाख रुपये कमाई पर 45 हजार रुपये टैक्स देने होंगे. न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर 52500 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा. न्यू टैक्स रिजीम में सरचार्ज घटाकर 25 फीसदी कर दिया है. 2024 के चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने बुजुर्ग और नौकरी पेशा वालों को साधने की कवायद की है.

  1. नए भारत का सपना

मोदी सरकार ने बजट के जरिए नए भारत के सपने को सकार करने की रूप रेखा खींचने की कवायद की है. वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि बच्चों के लिए देश भर में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जो शहरों और गांव दोनों जगह पर होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारत को बढ़त दिलाने के लिए देश में तीन सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए जाएंगे. इसका उद्देश्य एआई के क्षेत्र में देश के युवाओं को पढ़ाई का विश्वस्तरीय सुविधा दिलाना है. वित्त मंत्री ने कहा कि आधुनिक युग के पैमानों पर भारत पिछड़ने का जोखिम नहीं उठा सकता. इस तरह आधुनिक भारत बनाने की दिशा में मोदी सरकार ने 2023-24 का बजट पेश किया है ताकि 2024 की सत्ता का सिंहासन तीसरी बार हासिल कर सके.

बिजनौर से मोहम्मद फैज़ान की रिपोर्ट।

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