प्रयागराज : 16 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में नकल के आरोप में पकड़े गए छात्रों की कॉपी केंद्र व्यवस्थापकों को उसी दिन रजिस्टर्ड डाक या विशेष वाहक से बोर्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजनी होगी। ऐसे अभ्यर्थियों के रुके हुए परिणाम पर फैसला 10वीं-12वीं के रिजल्ट घोषित होने के डेढ़ महीने के अंदर होगा। इस संबंध में यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को छह फरवरी को पत्र जारी किया है।

पिछले वर्षों में अधिकांश परीक्षा केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापक 10वीं-12वीं की परीक्षाएं खत्म होने के बाद नकल के आरोपी परीक्षार्थियों की कॉपियां एकसाथ क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजते थे। केंद्र व्यवस्थापक कई बार आधी अधूरी सूचना भेजते हैं जिसके चलते ऐसे अभ्यर्थियों के रुके हुए परिणाम पर जल्द निर्णय नहीं हो पाता। रुका परिणाम घोषित करवाने के लिए पूर्व में कई परीक्षार्थी हाईकोर्ट भी जा चुके हैं। जिस पर हाईकोर्ट ने परीक्षाफल घोषित होने के छह सप्ताह में अनुचित साधन प्रयोग के कारण रुके परीक्षाफलों का निस्तारण करने के आदेश दिए हैं।

सही रिपोर्ट नहीं मिलने से होती है देरी

नकल करते पकड़े जाने पर सचल दल आरोपी छात्र की कॉपी व नकल सामग्री (नकल चिट, मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मूल रूप में) लेकर उसे प्रश्नपत्र नये सिरे से हल करने के लिए दूसरी उत्तरपुस्तिका देते हैं। पेपर खत्म होने के बाद पहली कॉपी, नकल सामग्री और दूसरी कॉपी को सीधे क्षेत्रीय कार्यालय भेजने का नियम है। कई बार केंद्र व्यवस्थापक पहली कॉपी और नकल सामग्री तो भेज देते हैं लेकिन दूसरी कॉपी अन्य छात्रों के साथ मूल्यांकन केंद्र के लिए भेज देते हैं। कई बार केंद्र व्यवस्थापक नकल सामग्री नहीं भेजते या फिर सचल दल स्पष्ट आख्या नहीं देते जिसके कारण ऐसे मामलों में जल्द निर्णय नहीं हो पाता।

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