खीरी : यहां कान्वेंट को मात दे रहा यूपीएस दुलही, शिक्षकों की मेहनत लाई रंग
रमियाबेहड की आन बान शान बना यूपीएस दुलही, मिला सर्वश्रेष्ठ विद्यालय का खिताब
रमियाबेहड़ ब्लॉक के यूपीएस दुलही प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश व उनकी टीम ने विद्यालय की सूरत ही बदल दी। इन शिक्षकों की लगन के कारण इस विद्यालय में सुविधाएं किसी निजी विद्यालय से कम नहीं हैं। चाहे वह पढ़ाई के मामले में हो या तकनीकी ज्ञान। प्रधानाध्यापक ने बताते है कि अपनी टीम के बल पर विद्यालय के शैक्षणिक माहौल को उच्च स्तर पर ले जा सके हैं।
खीरी जिले में परिषदीय विद्यालयों को आम से खास बनाने के लिए अभिनव, अनूठी पहल “बेस्ट स्कूल आफ द वीक” मुहिम शुरू की गयी, जिसके तहत लगातार नए प्रयोगों से अपना लोहा मनवाने वाले रमियाबेहड ब्लॉक के यूपीएस दुलही को अब उसकी खूबियों के लिए डीएम की अनूठी पहल बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक के लिए चयनित किया।
यूपीएस दुलही का बदलता परिवेश, कंपोजिट ग्रांट के बेहतर प्रयोग, समुदाय व ग्राम पंचायत का सहयोग प्राप्त कर विद्यालय में विभाग से निर्धारित सभी 19 पैरामीटर पूरे है। सभी कक्षाकक्षों टायल व पंखे लगे हैं। मॉडल शौचालयों का निर्माण है। दो अतिरिक्त शौचालय भी बने हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय निर्मित है। सभी में रनिंग वाटर की व्यवस्था है। सभी बच्चों के लिए फर्नीचर की उपलब्धता है। विद्यालय में गठित बाल संसद, अटेंडेंस स्क्वायड, मीना मंच से भी नामांकन बढ़ाने, बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने हेतु पूर्ण प्रयास किया गया है।
विद्यालय का बढ़ता नामांकन इस बात की साक्षी कि विद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है। विद्यालय में आसपास के मजरो से भी बच्चे पढ़ने आने लगे तथा गांव के कई विद्यालय बंद हो चुके हैं। नामांकन पर नज़र : वर्ष 2018-19 में जहां छात्र नामांकन 591, 2019-20 में 617, 2020-21 में 653, 2021-22 में 716 था तो वर्तमान सत्र 2022-23 में छात्र नामांकन बढ़कर 904 हो गया। छात्र नामांकन के सापेक्ष जहां छात्र उपस्थिति मात्र 45-50 फीसदी रहती थी, समग्र प्रयासों से उपस्थिति 75 फीसदी के आसपास पहुंच चुकी है। विद्यालय में कई नवाचार क्रियान्वित हैं, जिसमें बच्चों को “स्टार ऑफ द मंथ” चुना जाता है। चयनित बच्चों, उनके अभिभावक को पुरस्कृत किया जाता है। विद्यालय में एक डिस्प्ले बोर्ड लगा है, जिस पर बच्चों के नाम व चित्र प्रदर्शित किए हैं।
पढ़ने की ललक जगाती ‘लाइब्रेरी’
स्कूल में एक छोटी ‘लाइब्रेरी कॉर्नर’ भी है, जो आधुनिक तरीके से सुसज्जित है। पुस्तकों को डिस्प्ले करने का अंदाज निराला है, जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है। प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश ने बताया कि उनकी टीम बच्चों के साथ दोस्ताना रुख अख्तियार करती है। बच्चों को उन्हीं की भाषा में समझाया जाता है। कमजोर बच्चों के लिए अलग क्लासरूम की व्यवस्था की गई है।
अटेंडेंस स्क्वायड की निगरानी से उपस्थिति में हुआ इजाफा
विद्यालय में गठित अटेंडेंस स्क्वायड के माध्यम से जिसमें बच्चे ही है। लगातार अभिभावकों से संपर्क किया जाता है, जो मोबाइल फोन से बच्चों के ना आने या कम आने वाले अभिभावकों से संपर्क करते हैं, जो भी सूचना प्राप्त होती है। उसे पत्रिका में दर्ज करते हैं। विद्यालय प्रबंध समिति, अभिभावक शिक्षक संघ, शिक्षकों द्वारा उन बच्चों को विद्यालय में लाने हेतु प्रयास किया जाता है, इससे भी विद्यालय में छात्र उपस्थिति में काफी इजाफा हुआ है।
सीसीटीवी से लैस यूपीएस दुलही, नौनिहाल बन रहे स्मार्ट, प्रोजेक्टर से हो रही पढ़ाई
प्रोजेक्टर से दी जा रही डिजिटल शिक्षा
रमियाबेहड़ ब्लॉक का यूपीएस दुलही विकास क्षेत्र का एकलौता विद्यालय है, जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था इं. प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश, अनुदेशक केशवराम मौर्य, कपिल मौर्य ने व्यक्तिगत रूप से मिलकर की।बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाते हुए बच्चों को आईसीटी के माध्यम से शिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए विद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना है, जहां इं.प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश ने अपनी पुत्री के जन्मदिन पर प्रोजेक्टर का दान किया। विद्यालय में स्मार्ट कक्षा के लिए एलसीडी, सभी कक्षाओं के लिए ब्लूटूथ स्पीकर की व्यवस्था है। संगीतमय ढंग से अलग-अलग दिनों में अलग-अलग प्रार्थनाएं कराई जाती है।
कई सम्मानो से नवाजे जा चुके प्रधानाध्यापक ओम प्रकाश
टीएलएम व पाठ योजना निर्माण प्रतियोगिता में जनपद स्तर पर ओमप्रकाश ने कई बार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विद्यालय का मान बढ़ाया। ओमप्रकाश राज्य स्तरीय कहानी सुनाओ प्रतियोगिता के विजेता भी रहे है। उप्र राज्य स्थापना दिवस व शिक्षक दिवस पर उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हुआ |