डीपी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में महिला दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता स्लोगन एवं गायन व भाषण के द्वारा महिलाओं को उनके दायित्व एवं अधिकारों का उचित प्रयोग बताया गया।प्राचार्या डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने कहा – “हमें केवल श्रद्धा या पूजा का प्रतीक नहीं बनना है हमें अपने बल पर आगे बढ़ना है।” सना साजिद ने कहा – “नारी अबला और बेचारी नहीं है। ” एन.एस.एस प्रभारी दिव्यांश सक्सेना व संचालन कर रहे भूपेंद्र माहेश्वरी ने नारी को विश्व की शक्ति कहा।वहीं डॉ नीलोफर ने “नारी को आत्मसुरक्षा कर आगे बढ़ने को कहा “निक्की माहेश्वरी व गुलनार जमील , सत्यपाल यादव, प्रभात सक्सेना ने भी विचार रखे।छात्रा कंचन ने गीत अभिव्यक्ति दी वहीं प्रश्न पर प्रश्न कर शोयिबा ने सोचने को मजबूर किया। अनुष्का शर्मा ने कहा- कंधे से कंधा चलना सिखाया।प्रीति ने कहा हम सशक्त रहें।डी.पी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सहसवान में मार्शल आर्ट द्वारा सेल्फ डिफेंस अर्थात आत्मसुरक्षा का कोर्स शुरू कर दिया गया है। जिसका प्रशिक्षण डीपी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सहसवान में प्रारंभ हो गया है।जिससे छात्राओं में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई है। प्रबंध समिति मुख्य कुंज यादव ने छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बिंदास जीवन जीने की प्रेरणा दी। पोस्टर व स्लोगन के माध्यम से नारी की सृजनात्मकता व उसके आत्ममविश्वास को अंकित किया गया। विद्यार्थियों में कु. फरीन, आलिया,सोहिबा, उन्जिला, कंचन, नाजरीन,राधिका , अर्शीन, जोया, श्रेष्ठ जीत, कुनाल नागर,इमरत अली , रेहान,ने अपनी प्रस्तुतियों द्वारा नारी की क्षमता पर प्रकाश डाला। संचालन छात्र कुनाल नागर (बीएससी)ने किया।

ब्यूरो रिपोर्ट : आलोक मालपाणी बदायूं

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