दहगवां में सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान 09 मार्च बुधवार से चलना आरम्भ हो गया जिसमे दहगवां ब्लाक क्षेत्र मे 24 टीमें घर-घर जाकर टीबी के मरीजो की खोजने का कार्य कर रही है जोकि इस अभियान मे टीम उन लोगो की तलाश करेगी जो दो हफ्ते से अधिक खांसी होने के साथ-साथ उनकी खांसी अभी तक बंद नही हुई है ऐसे लोगो की टीवी की जांच कराई जायेगी जिससे पता चल सके कि उनको टीवी है या नही अगर उनकी जांच मे टीवी पाई गई तो उनका फ्री इलाज कराया जायेगा। एसीएफ सोमेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि लोग टीबी के लक्षणों को अनदेखा न करें। लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। जांच में टीबी निकलने पर नियमित रूप से उपचार करें। अभियान की सफलता में टीम व कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। इस मौके पर उन्होंने आम जनमानस से सभी चिह्नित क्षेत्र में टीम के पहुंचने पर सहयोग करने की अपील करते हुए लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी देने, यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण हैं तो उसे न छिपाने व जांच कराने की अपील भी की। वहीं एसीएफ गुलशन ने कहा कि टीबी की दवा पूरी तरह से नि:शुल्क है। जो सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। ऐसे में लोग अभियान की सफलता के लिए आगे आएं। जिससे जिले को टीबी मुक्त बनाया जा सके।दहगवां सीएचसी अधीक्षक डॉ.पीयूष सिंह ने कहा कि टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर गंभीर टीबी हो सकती है। जिसे एमडीआर एवं एक्सडीआर भी कहते हैं। टीबी नाखून और बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। फेफड़े की टीबी संक्रामक होती है। जिससे बीमारी एक-दूसरे में फैलती है। टीबी की बेहतर जांच एवं उपचार सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क है। सरकार की ओर से सभी टीबी मरीजों को उपचार के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पोषण सहायता प्रदान की जाती है। इसी के साथ सायं कालीन बैठक मे एमओटीसी डा0 दुष्यंत मलिक, सुपरवाइज़र सोमेन्द्र पाल सिंह, गुलशन, वसीम, डा0 हंसन, ताहिर वेग, मुस्लिम, जावेद अली, महीपाल, सर्वेश यादव आदि मौजूद रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट : आलोक मालपाणी बदायूं