लखनऊ ।प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं अब बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर होंगी। इसके अलावा तिमाही, छमाही और इंटरनल लिखित परीक्षाएं भी करवाई जाएंगी। इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है। यह भी पूछा गया है कि इस काम पर कितना खर्च आएगा।
गत वर्ष नही हुए थे तिमाही-छमाही परीक्षाएं
पांचवीं और आठवीं की सालाना परीक्षाओं के लिए अभी प्रश्नपत्र तो जिला स्तर से छपकर मिलता है, जबकि कॉपियां शिक्षकों को ही खरीदनी होती हैं। बाद में उसका भुगतान कर दिया जाता है। पिछले साल तो ऑनलाइन निपुण असेसमेंट टेस्ट (नैट) ही सालभर चलता रहा। इस वजह से लिखित तिमाही और छमाही परीक्षाएं भी नहीं हुईं। सालाना परीक्षाएं जैसे-तैसे करवाई गईं।ऐसे में यह बात आई कि बच्चों की लिखने की आदत नहीं रह गई है। उनकी लिखने की आदत बनी रहे, इसलिए लिखित परीक्षाएं जरूरी हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी लिखित परीक्षाएं करवाए जाने का सुझाव दिया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं करवाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा तिमाही, छमाही और लिखित इंटरनल टेस्ट के लिए भी शासन स्तर पर सहमति बनी है।
क्या कहा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने-
इस बारे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि,”पूरी तरह यूपी बोर्ड की तर्ज पर पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं करवाने की योजना है। इसके लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।”
परीक्षा पर होने वाले खर्च का आंकलन
पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं करवाने के लिए परिषद स्तर से एक समिति प्रश्नपत्र का प्रारूप तय करेगी। उसी के आधार पर प्रदेशभर में प्रश्नपत्र पहुंचाए जाएंगे। परीक्षाओं की निगरानी के लिए भी टीमें बनेंगी। अभी यह तय होना है कि परीक्षा अपने ही स्कूल में हों या दूसरे स्कूल में सेंटर जाएगा। अगर अपने स्कूल में ही सेंटर रहेगा तो फिर क्या शिक्षकों की अदला-बदली की जाएगी? कॉपियों का मूल्यांकन किस स्तर से किया जाएगा?इन मुद्दों पर अभी विचार चल रहा है। शासन स्तर से परीक्षा नियामक प्राधिकारी से एक विस्तृत प्रस्ताव मांगा गया है। हालांकि, परीक्षा नियंत्रक प्राधिकारी ने पत्र के जवाब में पूछा है परीक्षाओं का स्वरूप क्या रहेगा? प्रश्न पत्र कौन छपवाएगा? परीक्षाओं के संचालन के लिए यूपी बोर्ड की तरह बेसिक शिक्षा परिषद पहले से है। संपूर्ण परीक्षाओं का दायित्व किसका होगा? इसी के आधार पर खर्च का आकलन किया जाएगा।
क्या कहा अपर सचिव माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने-
बोर्ड परीक्षा की बात को लेकर माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा अपर सचिव दीपक कुमार ने कहा कि, “छात्रों की लिखने की आदत बनी रहनी चाहिए। इसके लिए लिखित परीक्षाएं जरूरी हैं। इस बारे में योजना तैयार की जा रही है।”